श्री अशोक वाटिका में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ में सुदामा चरित्र का किया वर्णन, भावविभोर हुए धर्मप्रेमी
कबीरधाम। कवर्धा के लोहारा रोड स्तिथ श्री अशोक वाटिका में निरंतर सात दिनों चल रही श्रीमद भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रोता कथा श्रवण कर रहे है तथा कथा के बीच में झांकी के माध्यम से लीलाओं का आनंद लेते आ रहे हैं श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आशीष पाठक महाराज ने कथा वाचन करते हुए भगवान कृष्ण के 16108 विवाह का वर्णन करते हुए दत्तात्रेय की कथा श्रवण कराई। इसके बाद करुण प्रसंग सुदामा चरित्र की कथा के दौरान कथा व्यास सहित सभी श्रोताओं की आंखों में आंसू आ गए। भागवत कथा सुनने के लिए नगर की सैकड़ों महिलाएं, पुरुष, युवा सहित अनेक धर्मप्रेमी बंधू उपस्थित रहे। सुदामा चरित्र की कथा के बाद भागवत कथा की सूची के पश्चात कथा का विश्राम किया गया। पवित्र माघ मास कृष्ण पक्ष पर्व के चलते कवर्धा नगर में लोहारा रोड स्थित श्री अशोक वाटिका में निरंतर सात दिनों से संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा चल रही है जिसमें पंडित आशीष पाठक महाराज जी द्वारा संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चलते श्रीकृष्ण रुक्मणि की कथा के बाद भगवान कृष्ण के 16108 विवाह का विस्तार से वर्णन किया। इसके बाद दत्तात्रेय की कथा के पश्चात व्यास जी ने कई प्रसंगों को सूक्ष्म में कहते हुए भगवान कृष्ण के सखा सुदामा की कथा का वर्णन किया। जिसमें सभी श्रोताओं की आखों में आंसू झलक आए। कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण की अनेकों कथाओं को अपने ढंग से श्रोताओं को सुनाई और सुदामा और कृष्ण की कथा से हमें मित्रता कैसी करनी चाहिए यह बतलाते हुए कहा सुदामा जैसा मित्र कलयुगी संसार में नहीं मिल सकता। देख सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणानिधि रोए, पानी परात को हाथ लियो नहिं नैनन के जल सो पग धोए। कथा के आखरी में भागवत की सूची सुनाई बताया जाता है जो भक्त सात दिनों तक किसी कारणवश कथा न सुन पाए अगर वह आखरी दिन कथा की सूची सुन लें, तो उसको पूरी कथा श्रवण करने का लाभ प्राप्त होता है। कथा के दौरान भगवान कृष्ण और मित्र सुदामा की लीला का मंचन किया गया। जिसमें सभी श्रोताओं की आंखों में पानी झलक आया। श्रीमद भागवत कथा के चलते मुख्य यजमान अवध राम साहू के निज निवास श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।