गौठानों में गोबर खरीदी की सुस्त गति पर सख्त हुए कलेक्टर, कहा- गौठानों में नियमित गोबर खरीदी नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों का रोका जाएगा वेतन
धमतरी। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत जिले के गौठानों में गोबर खरीदी नियमित रूप से नहीं होने पर कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर गौठानों में रोजाना गोबर की खरीदी नहीं होती तो इसके लिए विभाग के मैदानी अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अगले कुछ दिनों में नियमित रूप से गोबर खरीदी प्रारम्भ नहीं होती तो संबंधित अधिकारियों का वेतन रोका जाएगा। साथ ही निकृष्ट प्रदर्शन वाले पंचायत सचिवों की भी तनख्वाह रोकने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। बैठक में उन्होंने कृषि विकास विस्तार अधिकारियों को पंचायत सचिवों के साथ बैठक लेकर सभी आवश्यक बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए समन्वय स्थापित करने के लिए भी उप संचालक कृषि को निर्देशित किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10 बजे से आयोजित समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना की विकासखण्डवार समीक्षा करते हुए कहा कि गोबर खरीदी और उससे वर्मी खाद तैयार करने की प्रक्रिया सभी गौठानों में सतत् जारी रहनी चाहिए और इसकी लगातार मॉनीटरिंग संबंधित जनपद पंचायत के सी.ई.ओ. द्वारा किया जाए। उन्होंने 28 जुलाई से भटगांव और सारंगपुरी गौठानों में गोमूत्र खरीदी की जानकारी ली, जिस पर उप संचालक कृषि ने बताया कि भटगांव में 105 लीटर और सारंगपुरी में 16 लीटर गोमूत्र का संग्रहण किया गया है। इस पर कलेक्टर ने सारंगपुरी में गोमूत्र संग्रहण में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी और कम्पोस्ट निर्माण की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उप संचालक कृषि ने जिले के गौठानों में अब तक हुई गोबर खरीदी और उससे निर्मित जैविक खाद की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के सक्रिय 276 गौठानों में अब तक 3 लाख 66 हजार 640 क्विंटल गोबर खरीदा गया जिसमें से 69 हजार 558 क्विंटल वर्मी खाद और 9 हजार 490 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तैयार किया गया है। इनमें से 85.4 प्रतिशत वर्मी और 34.28 प्रतिशत सुपर कम्पोस्ट बेचा जा चुका है। इस अवसर पर कृषि एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। इसके पहले, कलेक्टर श्री एल्मा ने स्कूल शिक्षा विभाग की संक्षिप्त बैठक लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने और शिक्षकों का व्यवस्थापना शीघ्रता से करने के निर्देश सहायक संचालक को दिए।