अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद क्रांतिकारी लागुड़ का 108 साल बाद हुआ अंतिम संस्का
अंबिकापुर। अंबिकापुर और झारखंड में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद क्रांतिकारी लागुड़ का 108 साल बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकजुट हुए। अस्थियों के रूप में बचे उनके पार्थिव शरीर को पारंपरिक बाजे के साथ श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पर विधिविधान से दाह संस्कार हुआ। अस्थियां पूरी तरह से नहीं जल सकीं। इसके बाद परिजनों ने उन्हें समाज की परंपरा के अनुसार सामरी में दफनाया। नगेसिया समाज के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। लागुड़ नागेसिया की शव यात्रा के दौरान आदिवासी वाद्ययंत्रों के साथ उनको विदाई दी गई। शवयात्रा के दौरान समाज की महिलाओं, पुरुष और युवतियों ने पूरे मार्ग पर फूल बरसाए। लागुड़ के अंतिम संस्कार में जनप्रतिनिधि, आदिवासी समाज के नेता, परिवार व आसपास के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।