प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से हुए लाभ की कहानी हितग्राहियों की जुबानी पक्के मकान ने बढ़ाया अभिमान-चंद्रिका बाई

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“दीपक ठाकुर की रिपोर्ट”

कवर्धा। जिला कबीरधाम के जनपद सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत सूरजपुरा जंगल में निवास करने वाली श्रीमती चंद्रिका बाई के पति की अचानक मृत्यु होने के पश्चात उनका जीवन कठिनाईयो से भरा गया। उनके परिवार में एक पुत्र एवं एक पुत्री है। परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर आ गई और जैसे तैसे मजदूरी करके जीवन यापन चल रहा था । कमाई इतनी ही थीं की सभी जरूरत पूरी हो सके। इसलिए अपने झोपड़ी से पक्के आवास में जाने का कहीं कोई इंतजाम नहीं था क्योंकि परिस्थितियां ऐसी थी कि बच्चों कि ख्वाहिशें भी पूरी नहीं है हो पाती रही।ग्राम पंचायत से इन्हे जानकारी दी गई की सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 में इनका नाम अनुसूचित जाति के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण हेतु पात्रता की सूची में सम्मिलित है। ग्राम सभा के अनुमादन के पश्चात इनके नाम से आवास की स्वीकृति प्रदान की गई । आवास स्वीकृति के पश्चात राशि जैसे ही उनके खाते में हस्तातंरित की गई सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा उन्हे इसकी जानाकारी देते हुये आवास निर्माण के कार्य को प्रारंभ कराया गया। इसी प्रकार आवास निर्माण अनुसार उनके खाते में राशि प्रदान कर निर्धारित समय सीमा पर आवास निर्माण का कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण कराया गया। आवास के साथ-साथ शासन की विभिन्न शासकीय योजनाओं जैसे सौभाग्य योजना के तहत विद्युत , स्वच्छ भारत के तहत शौचालय, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा, मुख्यमंत्री खाद्यान योजना के तहत राशन सामाग्री, विधवा निराश्रित पेंशन योजना के तहत 350 रू. प्रति माह पेशन,स्वास्थ विभाग से स्मार्ट कार्ड एवं नल जल योजना के तहत उन्हे पानी का लाभ प्राप्त हो रहा है। चंद्रिका भाई कहती है मेरा जीवन परेशानियों से भरा था लेकिन आवास मिलने के साथ-साथ मुझे शासन की अन्य दूसरी योजनाओं का लाभ मिलने लगा। आज मेरी परिस्थितियां पहले से बदल गई है मैं अब अभिमान से अपने पक्के आवास में अपने बच्चों के साथ रहती हूं और अपने बच्चों का लालन-पालन पहले से कहीं बेहतर रूप से कर पा रही हु। हमर सरकार ल एखर बर बहुत-बहुत धन्यवाद।

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