भगवान को गर्मी से बचाने मंदिरों में चल रहे पंखे पारा चढ़ा 43 डिग्री
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। शहर में इन दिनों भीषण गर्मी लग रही है। पारा 43 डिग्री अंश सेल्सियस तक पहुंच गया है इससे लोगों का हाल बेहाल है तो दूसरी ओर मंदिरों में भी भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पंखे लगाए गए हैं। सुबह दैनिक दिनचर्या के लिए ही पंखे बंद किए जाते हैं उसके बाद दिन और रात मंदिरों में पंखे चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजिम छत्तीसगढ़ का प्रयाग धाम है यहां प्राचीन कालीन 84 मंदिरों की जानकारी मिलती है। मुख्य मंदिर भगवान विष्णु का है जिसे राजीव लोचन के रूप में जाना जाता है किवदंती है कि जिस समय गजेंद्र का उद्धार भगवान विष्णु ने किया उसी समय राजा रत्नाकर राक्षसों से त्रस्त होकर विष्णु को याद किया जिस हालत में थे भगवान उसी रूप में प्रकट होकर दुष्टों का समूल नाश किया और प्रसन्न होकर राजा रत्नाकर से कहा कि मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं वरदान मांग लो तब राजा ने विष्णु जी से दो वरदान प्राप्त किए पहला भगवान राजीवलोचन के रूप में हमेशा यहां विराजमान रहने की तथा दूसरा मेरे बाद मेरे आने वाले पीढ़ी ही आप की पूजा अर्चना करते रहेंगे। भगवान ने एमवस्तु कहा और अंतर्ध्यान हो गए। उसी समय से भगवान राजीवलोचन राजिम में विराजमान है मंदिर के चारों कोण में वराह अवतार, नृसिंह अवतार, बद्री नारायण अवतार, वामन अवतार, मंदिर के सिढ़ी के पास साक्षी गोपाल का मंदिर है। यहां महाप्रभु जगन्नाथ बलभद्र सुभद्रा, रामचंद्र, हनुमान का मंदिर भी है। इनके अलावा सूर्यनारायण, चतुर्भुजी भगवान विष्णु, राजिम भक्ति माता, दान दानेश्वर नाथ महादेव, राज राजेश्वर नाथ महादेव, भगवान का विराट स्वरूप, गणेश, शनि देव, एकादशी माता इत्यादि अनेक मंदिर मंदिर परिसर में मौजूद है। संगम तट पर भूतेश्वर नाथ महादेव, पंचेश्वर नाथ महादेव, त्रिवेणी संगम के मध्य पर विश्व प्रसिद्ध कुलेश्वर नाथ महादेव का मंदिर मौजूद है जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन इत्यादि के लिए आते हैं। तट पर लोमस ऋषि का प्राचीन कालीन आश्रम आज भी मौजूद है। इधर राजीव लोचन मंदिर से लगा हुआ लक्ष्मी नारायण मंदिर, आगे रामचंद्र देवल अत्यंत प्राचीन मंदिर है। कमल क्षेत्र के आराध्य देवी मां महामाया, दत्त भक्तों की श्रद्धा का केंद्र दत्तात्रेय भगवान, पवन दीवान आश्रम में सोन तीर्थ घाट के ऊपर सोमेश्वर नाथ महादेव का मंदिर, रानी श्याम कुमारी देवी धर्मशाला से लगा हुआ बाबा गरीब नाथ का मंदिर इत्यादि है। बताना होगा कि यहां के अधिकांश मंदिरों में भगवान को गर्मी ना लगे इसलिए पंखा दिया जा रहा है पूजारी ने बताया कि जैसे ऋतु परिवर्तन होता है उसके आधार पर भगवान की दिनचर्या होती है अभी गर्मी से बचाने के लिए पंखा देने का अलावा शीतल पेय भी पिलाया जा रहा है।