‘लुटेरा’ हुआ टमाटर, जेब पर लगा रहा सेंध

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“संतोष सोनकर ​की रिपोर्ट”

राजिम । पिछले दो दिनों से स्थानीय थोक सब्जी मंडी में टमाटर की कीमत पर ऐसा उछाल आया है कि खरीददार खरीदने से पहले तीन बार सोच रहे हैं वहीं वह अपनी जेब भी टटोल रहे हैं कि टमाटर खरीद पाएगा कि नहीं। उल्लेखनीय है कि बगैर टमाटर के सब्जियों के स्वाद गायब हो जाते हैं इसमें विटामिन ए और सी पाए जाते हैं इनके रहने से सब्जियों के स्वाद बढ़ जाते हैं तथा इनकी चटनी काफी मनपसंद है। यहां तक कि लोग चाव के साथ इसे कच्चे ही खा जाते हैं। बताया गया कि नवरात्र के प्रथम दिन सब्जियों की कीमत गिर गई थी लेकिन जस्ट उनके बाद ऐसा उछाल आया है। खुद टमाटर जो 300रु कैरेट में बिक रहे थे वह अब हजार पार कर लिया है। आज दिन शनिवार को थोक सब्जी मंडी में 700रु से लेकर 1100 रु तक बिकें। पसरा बाजार में60रु किलो में टमाटर बिक रहे थे।थोक सब्जी मंडी के अध्यक्ष विष्णु राम जांगड़े ने बताया कि धनिया 200 रु किलो, लाल भाजी 30रु किलो, मिर्ची 30रु किलो, अदरक 50रु, बैगन 30रु, गोभी 60रु, बरबटी 40रु, करेला 40रु, लौकी 15, भिंडी 25 रुपया थोक मंडी में बिकें। बता देना जरूरी है कि सब्जी कोचिया बाजार में ले जाकर प्रतिदिन 4 से 5 कैरेट टमाटर उठाते थे वह आज रेट को सुनकर आधा कैरेट टमाटर पर ही उन्हें संतोष करना पड़ा। आज बाजार भाव को सुनकर एक ओर उत्पादक किसान खुश दिखें। कहना होगा कि टमाटर के स्थानीय उत्पादन ठीक से नहीं हुआ है नतीजा दुर्ग-भिलाई धमधा आदि क्षेत्रों से टमाटर मंगाई जा रही है। बताया गया कि लगातार पानी गिरने के कारण टमाटर की फसल ठीक से नहीं हो पाई है। मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं होने के कारण टमाटर का रेट बढ़ा हुआ है। वहीं अन्य सब्जियों की कीमत भी बढ़े हुए हैं इससे किसान संतुष्ट नजर आ रहे हैं लेकिन गरीब तबके के लोगों को खरीद कर खाने के लिए बड़ी किल्लत हो रही है। मध्यम श्रेणी के लोग खरीद तो रहे हैं लेकिन खरीदने से पहले अपनी जेब अवश्य टटोल रहे हैं।

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