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जांजगीर-चांपा कलेक्टर की अनूठी पहल: ड्रोन से किया जा रहा गिरदावरी सर्वेक्षण, भुइंया में फसल प्रविष्टि कार्य में जांजगीर जिला है प्रथम स्थान पर

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“सुरेश यादव की रिपोर्ट”

जांजगीर-चांपा। एक तरफ जहां कलेक्टर शतारन प्रकाश सिन्हा राजस्व अमले को गिरदावरी के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतते हुए पूरी गंभीरता से करने के लगातार निर्देश दे रहें, वहीं दूसरी ओर वे स्वयं गांव की गलियों और खेतों के मेढ़ पर चलते हुए किसानों के खेतों तक पहुंचकर स्वयं गिरदावरी के कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिससे राज्य शासन की योजना के तहत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए त्रुटिरहित गिरदावरी रिपोर्ट के द्वारा राज्य के वास्तविक किसानों को इसका पूरा-पूरा लाभ दिलाया सके। गिरदावरी सर्वेक्षण के कार्य को और भी बेहतर और त्रुटिरहित करने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा जांजगीर-चांपा जिले में अनूठी पहल करते हुए ड्रोन तकनीक से गिरदावरी सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। संयुक्त कलेक्टर जिला जांजगीर-चांपा से प्राप्त जानकारी के अनुसार फसल प्रविष्टि के कार्य में भी जांजगीर-चांपा जिला प्रथम स्थान पर है। प्रारंभिक स्तर पर नवाचार के रूप में शिवरीनारायण तहसील के तुष्मा गांव में ड्रोन के माध्यम से गिरदावरी कार्य के सर्वेक्षण की शुरुआत करते हुए जिले के 10 ग्रामों का चयन किया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ में यह पहली बार है जब गिरदावरी के सर्वेक्षण के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन ऑपरेटरों द्वारा सर्वे पश्चात उसे पटवारी के भू-नक्शा से सुपर-इम्पोस किया जाएगा और ली गयी फसल की जांच की जाएगी। कलेक्टर द्वारा गिरदावरी कार्य को त्रुटिरहित और पूर्ण शुद्धता से करने के लिए पटवारी, तहसीलदार सहित समस्त राजस्व अमले को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। इस कार्य को बेहतर ढंग से संपादित करने के लिए जिले के सभी राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, साथ ही कभी भी कलेक्टर स्वयं मौके पर जाकर गिरदावरी कार्यों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में वर्तमान स्थिति में 94 प्रतिशत गिरदावरी कार्य पूर्ण किया जा चुका है।गिरदावरी कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर होगी कार्रवाई: कलेक्टर के स्पष्ट निर्देश कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा गिरदावरी के कार्यों को फील्ड में जाकर किसानों के रकबे का खसरा और नक्शा का मिलान करते हुए पूरी पारदर्शिता और त्रुटिरहित करने के लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। उनके द्वारा तहसीलदार, पटवारी, आरआई सहित समस्त राजस्व अमले को गिरदावरी के कार्यों को गंभीरता से करते हुए गिरदावरी रिपोर्ट में खेत के मेढ़ में वृक्ष, धान के अलावा लगाए गए अन्य फसल, डायवर्टेड भूमि, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के तहत चिन्हांकित भूमि का स्पष्ट उल्लेख करते हुए खसरा क्रमांक और वास्तविक रकबे में लगाए गए फसल का सही जानकारी दर्ज पर ऑनलाइन प्रविष्टि को भी प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विगत समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने गिरदावरी कार्य में लापरवाही करने पर तहसीलदार और पटवारियों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

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