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Chhattisgarh

नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: आंगनबाडी के पोषण सुविधाओं ने ग्राम रतिजा की रिंकी को दिलायी कुपोषण से मुक्ति

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा । आंगनबाडी के स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं से जिले के ग्राम पंचायत रतिजा की रहने वाली रिंकी को कुपोषण से मुक्ति मिली है। हरदीबाजार परियोजना केंद्र के अंतर्गत ग्राम रतिजा की रहने वाली रिंकी का जन्म 2017 में हुआ। रिंकी के पिता देवनारायण और माता राजबाई खेती-किसानी कर अपना जीवन यापन करते है। जन्म के समय रतिजा सामान्य श्रेणी में थी। बाद में उचित देखभाल न होने के कारण वह बीमार पड़ने लगी। लगभग 5 वर्ष की उम्र में उसका वजन 9.8 किलो हो गया और वह कुपोषण की शिकार हो गयी। पास स्थित बिंजरापारा आंगनबाडी केंद्र कार्यकर्ता को इसकी जानकारी मिली। आंगनबाडी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक ने रिंकी के घर जाकर उसके माता-पिता से भेंट किया। आंगनबाडी कार्यकर्ता ने रिंकी के माता-पिता को उचित खान-पान और पोषण के संबंध में सलाह दिया। स्वास्थ्य विभाग की मदद से रिंकी को कृमिनाशक दवाई एल्बेंडाजोल की दावा भी पिलायी गयी। आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा रिंकी को दिन में चार बार भोजन कराने, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। आंगनबाडी केंद्र से रिंकी को रेडी टू ईट, पूरक पोषण आहार एवं अन्य जरूरी सुविधायें भी उपलब्ध करायी गयी। रिंकी को सप्ताह में तीन बार अंडा सेवन करने का सलाह भी दिया गया। धीरे-धीरे रिंकी का वजन बढ़ने लगा। आंगनबाडी केंद्र की मदद से रिंकी का वजन महज 2 माह में 02 किलो 300 ग्राम बढ़ गया। रिंकी अब सामान्य श्रेणी में आ गयी है। आँगनबाड़ी केंद्र से मिले लाभ से रिंकी के माता-पिता ने खुशी व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त किया।

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