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मास्टर खिलेंद्र श्रावणी रामायण में सीख रहे ढोलक बजाने के गुर

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। चौबेबांधा में चल रहे श्रावणी रामायण में प्रतिदिन रामकथा की अविरल धारा बह रही है। संगीतमय इस रामायण कार्यक्रम में प्रतिदिन छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक वाद्ययंत्र में पारंगत हो रहे हैं। इसी कड़ी में कक्षा चौथी के छात्र मास्टर खिलेंद्र सोनकर ढोलक बजाने के गुर सीख रहे हैं। वह पारंगत कलाकारों के साथ ताल में ताल मिलाकर वाद्य यंत्र शानदार बजा लेते हैं। मंगलवार को रामायण कार्यक्रम में इनके वाद्य यंत्र की धुन को सुनकर लोग बड़े प्रसन्न हुए और इनकी भूरी भूरी प्रशंसा भी की गई। उससे पूछने पर बताया कि वह शहर के मल्टीमूव इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा चौथी में पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें गीत संगीत बहुत ही अच्छा लगता है वह सेवा गीत भी खुद बजाकर प्रस्तुत करते हैं। खिलेंद्र ने बताया कि कबाड़ से जुगाड़ के अंतर्गत पूरे गर्मी के मौसम में छुट्टियों के दिनों में रोबोट, ट्रैक्टर, जेसीबी, आदि की प्रतिकृति तैयार किए थे। वह पंखा चला कर भी दिखाए थे। इस बालक के सीखने और कुछ कर गुजरने की मिजाज बहुत अच्छा लगा।इस मौके पर उपस्थित श्रीराम दरबार मानस मंडली के अध्यक्ष संतोष कुमार सोनकर ने बताया कि श्रावणी रामायण में वाद्य यंत्र सीखने का अच्छा मौका मिलता है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक कोई यहां भजन प्रस्तुत करना सीख रहे हैं तो कोई रामायण की दोहा चौपाईयों को पढ़ने की कला जान रहे हैं। टीकाकार बिसहत साहू,पुनऊ पटेल ने बताया कि राम कथा के माध्यम से लोगों में अच्छा चारित्रिक विकास हो इन का प्रयास किया जा रहा है गत कई सालों से श्रावणी रामायण की परंपरा यहां चली है। इसी क्रम में इस साल भी यह कार्यक्रम प्रतिदिन हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रहा है। जिनका समापन सावन पूर्णिमा को किया जाएगा। वहां मौजूद नरेश पाल, नकछेड़ा साहू,हरक श्रीवास, चम्मन साहू,रवि पाल, लीलाराम साहू ने शानदार भजनों की प्रस्तुति दी जिसे सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए।

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