राज्य स्थापना दिवस पर बोड़राबांधा में अर्धरात्रि तक चला हास्य व्यंग्य के तीर
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर ग्राम बोड़राबांधा में ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों के सौजन्य से विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम समिति अध्यक्ष लक्ष्मण साहू एवं सचिव बलराम निर्मलकर द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया। प्रथम प्रस्तुति के रूप में धमतरी से पधारी योगिता साहू के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की शानदार वंदना प्रस्तुत की गई एवं छत्तीसगढ़ की धरोहर का बखान करते हुए हाय रे मोर छत्तीसगढ़ तॅंय कहा लुकागे गीत की प्रस्तुति दी। ओज कवि टीकमचंद सेन ने देश के गद्दारों को चेतावनी देते हुए कविता पढ़ी। बानगी देखिए- फाॅंसी पर लटका दो यारों , देश के उन गद्दारों को।
सेना का अपमान करे उन कायर और मक्कारों को, ने खूब तालियां बटोरी। राजिम के युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने एक दिया शहीदों के नाम करते हुए कई उम्दा शेर एवं ग़ज़ल पढ़कर सभी का दिल जीत लिया। प्रस्तुत है कुछ अंश- सुबहों करे चाहे शाम करें मिलकर सारे ये आवाम करें ,यूॅं तो जलाएं कई दिए मगर एक दिया शहीदों के नाम करे। दीपावली पर्व को लेकर सबको प्रेरित करते हुए पंक्ति कहीं कदूरत को दिल से मिटाएं चलो, जहां नेकी का अब बताये चलो, जिधर तीरगी की हुकूमत दिखे, दीया उस दिशा ही जलाएं चलो ने माहौल को ताजगी से भर दिया । नवापारा नगर से पधारे हास्य व्यंग्य के कवि संतोष सेन ने एक से बढ़कर एक हास्य कविता की बरसात किया। हम तीन कवि है जिसका घर लड़कियों के हॉस्टल के सामने है वह श्रृंगार रस का कवि निकला और जिसका घर लड़कियों के हॉस्टल के पीछे हैं वह विरह रस का कवि और मेरा घर पुलिस थाना के सामने है इसलिए में वीर रस का कवि निकला, सुनकर सभी हंसने पर मजबूर हो गये। धासुकवि फानेन्द्र मोदी ने दीपावली पर्व पर होने वाले भारतीय परंपरा को बहुत बहुत ही बारिक से वर्णन किया जिसे सुन श्रोता मुग्ध हो गए। वहीं गाड़ाघाट के कवि भोज साहू ने मोबाइल के बढ़ते उपयोग को विषय बनाकर इसके लाभ और हानी को उजागर किया। मिमिक्री कलाकार योगेश साहू ने बॉलीवुड के कलाकारों की आवाज में कॉमेडी कर सबको लोटपोट कर दिया। कार्यक्रम के संयोजक वीरेंद्र साहू छत्तीसगढ़ी में सवैया के माध्यम से लोक कल्याण की अनेक रचनाएं मंच पर रखीं। मौके पर उपस्थित ग्रामीण बलराम साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कवि सम्मेलन एक बौद्धिक कार्यक्रम यह कार्यक्रम प्रत्येक गांव में होना चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति इसका लाभ ले सके। गजेन्द्र यादव, परमात्मा पुरी, कुमार पटेल, लखन साहू, पुरुषोत्तम साहू, संतोष पटेल, पीलूराम ध्रुव, जग्गू विश्वकर्मा, किशन ध्रुव, खिलेश्वर वर्मा, सुभाष साहू विशेष रुप से उपस्थित थे।