छत्तीसगढ़ प्रदेश में तस्करी, बदहाल क़ानून व्यवस्था के खिलाफ भाजपा कोरबा ने आयोजित की प्रेस वार्ता….

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”बीएन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ प्रदेश के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया इसी तारतम्य में भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय कोरबा में भी पत्रकार वार्ता आयोजित की गई ।

इस पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की यूं तो कांग्रेस के सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही स्वाभाविक रूप से प्रदेश में लैंड माफिया, सैंड माफिया, शराब माफिया, गांजा माफिया से लेकर तमाम तरह के माफियाओं तस्करों के हौसले बुलंद हो ही जाते हैं । लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस तरह तस्करों और मजहबी आतंकियों आदि का आतक प्रदेश में बड़ा है, वह गंभीर चिंता का विषय है ।

खास कर प्रदेश में जबसे ढाई-ढाई साल के राजनीतिक अस्थिरता की चर्चा गंभीर हुई है। तबसे वर्तमान सरकार की पूरी ऊर्जा केवल खुद को बचाने में लगी है।उन्हें प्रदेश के किसी भी विषय से कोई मतलब नहीं रह गया है, सिवाय गांधी परिवार के तुष्टिकरण के अलावा मुख्यमंत्री का कोई एजेंडा बचा नहीं है, अधिक से अधिक कर पैसा जमा करना और उसे चुनावी राज्यों में खर्च करना, यहीं प्रदेश सरकार का अकेला मकसद रह गया लगता है ।

शांति का टापू कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में ऐसी-ऐसी घटनाएं हो रही है जैसा इससे पहले कभी देखा नहीं गया, प्रदेश में हम ऐसी घटनाओं की कल्पना भी नहीं कर सकते थे । चाहे पत्थलगांव में शोभायात्रा पर गांजा तस्करों द्वारा गाडी चड़ा कर सरेआम श्रद्धालुओं को कुचल कर मार देने, दर्जनों किसानों आदिवासियों को गंभीर रूप से घायल कर देने का मामला हो या प्रदेश के सत्ता समर्थित लोगों द्वारा प्रायोजित दंगे में कवर्धा जैसे संत कबीर के नाम समर्पित शहर में बर्बरता की, छत्तीसगढ़ इन घटनाओं से आक्रोशित, आंदोलित और शर्मसार है ।

प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिताजनक है काग्रेस समर्थित सरक्षित तस्करों और अपराधियों का प्रदेश में बोलबाला हो गया है। अनेक जगह कांग्रेस के नेतागण सीधे तौर पर गाजा- शराब समेत अन्य तस्करी में जुड़े हैं और शेष जगह उनके संरक्षण में यह कारोबार चलाया जा रहा है। इस पर आवाज उठाने पर अनेक जगह भाजपा जन प्रतिनिधियों के साथ भी बर्बरता की गयी, कांग्रेस संरक्षित तस्करी का ही परिणाम पत्थलगांव में आदिवासियों किसानों को कुचलने के रूप में सामने आया है। कांग्रेस इस घटना के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के लोगों ने चुना है लेकिन अन्य प्रदेशों में जा कर, लखीमपुर खीरी की नौटंकी में संसाधन लुटाने, पत्थलगांव की घटना के बाद भी कांग्रेस की बैठकों में दिल्ली उड़ जाने समेत ऐसी-ऐसी उपेक्षा इनके द्वारा की गयी है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाय, यह कम है। भाजपा द्वारा लगातार आवाज उठाने पर पत्थलगांव में महज एक मृतक को मुआवजा की घोषणा मात्र कर इस सरकार ने खानापूर्ति कर ली, जबकि मीडिया की खबरों के अनुसार अन्य अनेक लोगों के मृत्यु की बात भी सामने आई है। इसके अलावा इस कृत्य में चायत दर्जनों लोगों के लिए न तो कोई सहायता राशि दी गयी है न ही उन्हें देखने शासन की तरफ से कोई महत्वपूर्ण व्यक्तिगया है।

सबसे आपत्तिजनक इस मामले में सभी कांग्रेस नेताओं के उल जुलूल बयान है, ‘उलटे चोर कोतवाल को डांटे की तरज पर वे उलटे भाजपा नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। सच तो यह है कि प्रदेश में हर तरह के तस्करी के तार सीधे कांग्रेस नेताओं से जुड़े हुए हैं।(पेपर क्लिप दिखाते और उसकी हेडिंग पढ़ते हुए) ये केवल कुछ उदहारण आपके सामने हैं इनके पौने तीन साल के शासन का अगर विश्लेषण करें तो ऐसी दर्शनों घटनाएँ प्रदेश में हुई होंगी जहां तस्करी में कांग्रेस का छोटा-बड़ा नेता लिप्त पाए गए हैं।
जिस रूट से गांजा की तस्करी लगातार हो रही है जिसके कारण इतना बड़ा कांड हुआ है, उसके बारे में शासन को सब पता था। इससे पहले भी अनेक बार इस रूट पर गांजे की खेप पुलिस की रूटीन करवाई में पकड़ी गयी लेकिन हर बार सत्ता के संरक्षण के कारण बड़ी मछलियों पर हाथ नहीं डाला गया तस्करी का यह मामला कितना भयावह है यह केवल इस आंकड़े से समझ सकते हैं कि पुलिस की सामान्य सी रूटीन कारवाई में पिछले दो-ढाई वर्षों के दौरान 12 सौ से अधिक मामले में लगभग 61 करोड़ से अधिक रूपये की 50 हज़ार किलो गांजा जब्ती हुई। फिर भी न तो कभी तस्करों के खिलाफ कोई विशेष अभियान चलाया गया और न ही करनाओं पर कोई बड़ा आक्रमण हुआ। इसी तरह अवैध शराब और नशीली दवाओं के 34 हजार 335 प्रकरण केवल तीन वर्ष में दर्ज हुए लेकिन इनमें से शायद ही किसी मामले को अंजाम तक पहुंचाया गया हो। शासन की नीयत देखिये कि अवैध शराब से हुई मौतों को प्रदेश में सरकार ने शराब के होम डिलीवरी का बहाना बना दिया।

नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े का विश्लेषण करें तो शान्ति का टापू रहा अपना यह प्रदेश आज अपराधियों का गढ़ हो गया है। 2020 के आकड़े की बात करें तो छत्तीसगढ़ आज किशोरों द्वारा किये अपराध, पुलिसकर्मियों की हत्या में पहले स्थान पर तो आदिवासियों के नाबालिग बच्चों के बलात्कार के मामले में, बुजुर्गों के खिलाफ अपराध आदि में दूसरे स्थान पर आ गया है। हत्या में तीसरे स्थान पर प्रदेश में दो वर्ष में 26 सौ अपहरण और हज़ार से अधिक नाबालिगों के लापता होने के प्रकरण दर्ज है। पिछले सत्र में मिली जानकारी के अनुसार ही मात्र डेढ़ वर्ष महिलाओं के खिलाफ दुराचार और गैंगरेप 6 हज़ार 5 सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, यानी केवल दर्ज मामले के अनुसार ही रोज बलात्कार के 12 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं,

आपको यह जान कर हैरानी होगी कि कभी प्रदेश में किसानों की आत्महत्या जैसी स्थिति नहीं आयी थी लेकिन खुद शासन के आंकड़े के अनुसार केवल दो साल में 14 हजार 9 सौ 68 आत्महत्या के प्रकरण दर्ज हुए हैं जिसमें भयावह बात यह है कि छत्तीसगढ़ में 61 सौ मजदूरों के और 439 किसानों के आत्महत्या के प्रकरण दर्ज हुए हैं।

यह केवल दर्ज आंकड़े हैं, जिन्हें दर्ज नहीं किये गए थे कितने होंगे, इसकी आप कल्पना कर सकते हैं, ये आंकड़े भयावह छत्तीसगढ़ की तस्वीर दिखाती है, प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। हर व्यक्ति यहां असुरक्षित है। शासन या तो नीरो की तरह चैन की वंशी बजा रहा है या गांधी परिवार को खुश करने भ्रष्टाचार और वसूली में व्यस्त है। कांग्रेस के अन्य लोग अपने मुखिया के अपराधों पर पर्दा डालने बदजुबानी पर उतारू है। कुल मिलाकर हालात हर मामले में नियंत्रण से बाहर है। लखीमपुर में वोटों की फसल काटने, राहुल प्रियंका को खुश कर कुर्सी बचाने के लिए सीएम बघेल झट 50-50 लाख रुपये दे आये लेकिन, आत्महत्या करने वाले मजदूरों, किसानों के परिवार तक शासन का कोई भी बड़ा व्यक्तिगया । याजरा सी भी राहत मिली हो, ऐसी कोई खबर नहीं है

भाजपा यह मांग करती है :

पत्थलगांव और कवर्धा आदि के मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो। – मृतकों को 1 करोड़ और घायलों को 50 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाय।

सिलगेर समेत पुलिसिया एवं अन्य हत्या के हर मामलों में, किसान-मजदूरों आदि की आत्महत्या के सभी प्रकरणों में लखीमपुर की तरह तुरंत सहायता राशि दिए जायें।

प्रदेश में कांग्रेस के सहयोग और संरक्षण में चल रही तस्करी गतिविधियों पर सुरत लगाम लगाए जायें। ऐसे सभी मामलों की त्वरित सुनवाई कर दोषियों की सज़ा सुनिश्चित हो

तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के लिए एसआईटी एसटीएफ का गठन हो।

इस पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन, रामपुर विधायक ननकीराम कंवर, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो, अशोक चावलानी, जिला महामंत्री संतोष देवांगन, टिकेश्वर राठिया, उपाध्यक्ष उमाभारती सराफ, मंत्री संदीप सहगल, जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा, सह प्रभारी पवन सिन्हा, कार्यालय प्रभारी अमीलाल चौहान, आईटी सेल जिला संयोजक नवदीप नंदा तथा अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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