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Chhattisgarh

मुख्यमंत्री मांघी पुन्नी मेला में ही राजिम को जिला बनाने की घोषणा करें: रोहित साहू

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । राजिम को जिला बनाने की मांग बहुत पुरानी है छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही इन्हें जिला बनाने की दिशा में यहां के राजनेता समेत रहवासी गण अपनी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाएं। परंतु 21 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक राजिम जिला नहीं बन पाया है। हालांकि लोग लगातार मांग कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से क्षेत्र के लोग काफी उम्मीद लगाकर बैठे हुए हैं कि मुख्यमंत्री का माघी पुन्नी मेला में आगमन होगा और राजिम को जिला की घोषणा करके लाखों जनता के दिलों में जगह बना लेंगे। यह आम जनता की उम्मीद है परंतु समय बताएगा कि जिला बनने की दिशा में राजिम का क्रम कब आएगा। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता संत कवि पवन दीवान ने राजिम को जिला बनाने की सपना संजो कर रखे थे। उनकी प्रमुख तीन सपनों में दो सपने पूर्ण हो चुके हैं जिनमें पहला छत्तीसगढ़ राज्य का बनना था जो 1 नवंबर सन 2000 को अस्तित्व में आ गया है दूसरा मां कौशिल्या की भूमि चंद्रखुरी को विकसित करना था जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस दिशा में कारगर पहल कर रहे हैं तीसरा राजिम को जिला बनाया था। जो अभी तक नहीं बने हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी नवापारा राजिम प्रवास पर थे तब उन्होंने राजिम को धार्मिक जिला बनाने की घोषणा करने ही वाले थे। उस समय पवन दीवान राजस्व जिला बनाने की मांग पर अड़े रहे और जैसे तैसे घोषणा रुक गई। तब से लेकर अब तक राजिम जिला बनने के लिए छटपटा रही है। इस संबंध में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 2 के सदस्य रोहित साहू ने कहा कि राजिम प्राचीन नगरी है यहां के मंदिरों में उकेरी गई कला नक्काशी देश-विदेश के पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों मे राजिम का नाम अंकित है। 12 माह दर्शन पूजन स्नान अस्थि विसर्जन पिंडदान आदि धार्मिक कृत्य के लिए लोगों का आना जाना लगा रहता है। धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आदि दृष्टिकोण से इनका जिला बनना बहुत जरूरी है। इसमें तीन नदी सोंढूर, पैरी एवं महानदी का त्रिवेणी संगम है उसी तरह से तीन विकासखंड फिंगेश्वर, अभनपुर एवं मगरलोड जुड़ा हुआ है। इस भूमि का प्राचीन नाम कमल क्षेत्र भी है। पंचकोसी परिक्रमा की जाती है जिसमें 5 शिव पीठ है जिसमें से दो शिव पीठ पटेश्वरनाथ महादेव पटेवा, चंपकेश्वर नाथ महादेव चंपारण दोनों रायपुर जिला में आता है इसी तरह से ब्रह्मकेश्वरनाथ बम्हनी महासमुंद जिला के सीमा पर है तथा फनीकेश्वर नाथ महादेव फिंगेश्वर एवं कर्पूरेश्वर नाथ महादेव कोपरा गरियाबंद जिला में है इन सभी शिव भक्तों को जोड़कर राजिम जिला में व्यवस्थित किया जाए। बता देना जरूरी है कि इस बार राजिम को जिला बनाने के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों की एकजुटता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक तीन के सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा है कि क्षेत्र के लोगों की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शीघ्र राजिम को जिला बनाने की घोषणा माघी पुन्नी मेला के मुख्य मंच से करें। ताकि 2022 का पुन्नी मेला जिला की सौगात पाकर इतिहास बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ही छोटे-छोटे जिला बनाए गए हैं जिनमें सुकमा जिले की आबादी 2 लाख 70 हजार के आसपास है। दंतेवाड़ा जिला की आबादी 2,83000 है। राजिम जिला में राजिम नवापारा तहसील को मिला दिया जाए तो एक बड़ी आबादी कवर होगी। उन्होंने कहा कि फिंगेश्वर ब्लॉक के ही तीन जिला पंचायत क्षेत्र की आबादी 1,20,000 से भी अधिक है। इनके जिला बनने से छोटे बड़े सभी गांव का विकास तेजी के साथ होगा। राजिम को जिला बना कर पवन दीवान के सपनों को साकार करें।

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