आत्मानंद स्कूल में कक्षा का अता पता नहीं, छात्र खाली घर बैठे
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। शहर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम पंडित राम विशाल पांडे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय खुल गये हैं। अभी तक शिक्षकों की भर्ती नहीं हुए हैं।छात्र छात्राएं टीसी लेकर प्रवेश की प्रक्रिया तो पूर्ण कर चुके हैं। परंतु अभी तक कक्षाएं नहीं लगने के कारण बिना स्कूल के घर बैठे हुए हैं इससे इनके पढ़ाई डिस्टर्ब हो रहे हैं जिसका खामियाजा छात्र छात्राओं को ही भुगतना पड़ रहा है जिले के अधिकारी मुख्यालय में बैठे हुए हैं लेकिन उनको अभी तक शिक्षकों की व्यवस्था की चिंता नहीं है। जिला मुख्यालय गरियाबंद राजिम शहर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां से व्यवस्था क्रियान्वित होती है। गत दिनों शिक्षा विभाग के ही जिले के एक अफसर ने 1 अगस्त से कक्षा लगाने की बात कह दी थी तथा टीचरों की भी व्यवस्था हो जाने की बात उन्होंने कही थी लेकिन यह सब कोरी कल्पना ही निकली। आज दिन मंगलवार को सुबह 11:00 बजे हमारे संवाददाता ने जैसे ही स्कूल में प्रवेश किया तो मात्र दो कर्मचारी टेबल कुर्सी लगाकर बैठे हुए प्रवेश की प्रक्रिया को पूर्ण कर रहे थे बाकी यहां न ही शिक्षक मिले और न ही प्रचार्य का अता-पता रहा। पूछने पर बताया कि जो प्राचार्य रायपुर से आ रहे थे उनका रिटायरमेंट हो गया है अब यहां नए प्राचार्य एवं शिक्षक ही आएंगे तभी कक्षाएं संचालित होगी। कुछ लोगों ने बताया कि पूरा अगस्त भी बीत सकता है तो किसी ने कहा कि 15 अगस्त तक कक्षाएं व्यवस्थित हो जाएगी जितनी मुंह उतनी बात हो रही है परंतु उन छात्र-छात्राओं का क्या कसूर उनकी पढ़ाई तो अच्छी चल रही थी। सरकार की योजना के अनुरूप अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए पढ़ रहे विद्यालय को छोड़कर जैसे ही उनका नाम इधर लाटरी से निकला छात्रों में बहुत खुशी रही कि अब हम सरकार के द्वारा संचालित आत्मानंद स्कूल में पढ़ाई करेंगे। इधर स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र ला चुके हैं और उसे जमा भी कर दिए हैं पढ़ाई नहीं होने से घर में बैठे हुए हैं सबसे ज्यादा तकलीफ बोर्ड कक्षाओं का है पांचवी,8वीं, 10वीं, 12वीं बोर्ड कक्षा है इन छात्रों का खाली बैठना सबसे ज्यादा अखर रहा है। इनके लिए तो एक एक मिनट भी मायने रखता है। यहां पर उपस्थित कर्मचारी नहीं बता पाए कि कक्षा कब से प्रारंभ होगी। छात्र एवं पालक आकर स्कूल में संपर्क कर रहे हैं लेकिन सही जानकारी देने वाला कोई नहीं मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि 23 जुलाई को लॉटरी से प्रवेश होने के बाद 30 जुलाई तक दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि रखी गई थी। दस्तावेज जमा करने के लिए मात्र 4 दिन का समय देने से आवश्यक प्रपत्र पूर्ण नहीं कर पाने के कारण तारीख बढ़ाने की मांग पालकों द्वारा की गई थी जिसे बढ़ाकर 8 अगस्त कर दी गई है उसके बाद वेटिंग लिस्ट वाले को फोन करके बुलाया जाएगा। इधर लगातार दस्तावेज जमा भी हो रहे हैं। पालकों का कहना है कि जिन बच्चों का दस्तावेज जमा हो चुके हैं उन्हें कक्षा में बिठाकर उनकी पढ़ाई शुरु कर देनी चाहिए। पाठ्यक्रम पिछड़ने के बाद उसे मैनेज कर पाना बहुत मुश्किल होगा। पढ़ाई के लिए जुलाई-अगस्त सितंबर का माह बहुत ही अनुकूल होता है। इस समय छात्र खूब मेहनत करते हैं। परंतु शिक्षा विभाग की बेरुखी के कारण छात्रों की पढ़ाई अधर में लटक गई है। इन छात्र-छात्राओं को बेसब्री से कक्षा प्रारंभ होने का इंतजार है। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने बताया कि आज बुधवार को सुबह जिला शिक्षा अधिकारी से बात हुई है उन्होंने बताया कि संविदा आधार पर 10 पद पर शिक्षकों की नियुक्ति करना है इनके लिए आवेदन मंगाए गए थे तकरीबन सात हजार लोगों ने फॉर्म भरे हैं। लगभग 7 तारीख को इंटरव्यू हो जाएगा और 10 तारीख तक कक्षा लगने का अंदेशा है।प्रत्येक कक्षा के लिए 50 सीट आरक्षित कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक प्रत्येक कक्षाओं के लिए 50 – 50 की संख्या में सीट आरक्षित की गई है जिसमें संख्या ज्यादा होने के कारण पहली से लेकर नवमीं तक लाटरी पद्धति से चयन प्रक्रिया संपन्न हुई दसवीं से लेकर 12वीं तक संख्या कम थी इसलिए लाटरी पद्धति नहीं हुई। इन सभी कक्षाओं के व्याख्याता शिक्षक समेत पूरी स्टॉप सिगरेट स्कूलों में भेजने की आवश्यकता है ताकि बच्चों की पढ़ाई नॉन स्टॉप प्रारंभ हो सकें।