देश की शांति व्यवस्था भंग करने में लगे हैं कांग्रेसी: चंदूलाल साहू
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय बुलाए जाने पर दिल्ली सहित देश भर में कांग्रेस द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर किसी जांच एजेंसी ने किसी भी व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया है और वह व्यक्ति कहीं से भी गलत नहीं है तो उसे खुद ब खुद चलकर जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना चाहिए और प्रश्नों का खुलकर सामना करना चाहिए। श्री साहू ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त उन्हें भी ईडी कार्यालय द्वारा पूछताछ के लिए बुलावा भेजा गया था और उस वक्त मोदी ने अकेले ईडी कार्यालय पहुंचकर ईडी के प्रश्नों का लगभग 9 घंटे तक सामना किया था। उस वक्त तो भाजपा ने इस प्रकार का कोई प्रपंच नहीं किया था, जैसा कि आज कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है। साफ है कि कहीं ना कहीं गड़बड़ है . कांग्रेसी गला फाड़कर चिल्ला रहे हैं कि मोदी सरकार सत्ता का दुरुपयोग करते हुए जांच एजेंसियों के माध्यम से उनके नेताओं को परेशान कर रही है, मानो उनके नेता दूध के धुले हैं। श्री साहू ने कांग्रेसियों के नाटक पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि देश में जानलेवा कोरोना के चौथे चरण की आहट बरकरार है . खुद कांग्रेसियों की हाईकमान सोनिया गांधी पिछले दिनों कोरोना के चपेट में आ चुकी हैं। इसके बाद भी ना केवल दिल्ली के बल्कि देशभर से कांग्रेसियों की भीड़ दिल्ली बुलाकर कोरोना के चौथे चरण को आमंत्रित किया जा रहा है। इतना ही नहीं भीड़ के माध्यम से देश भर में शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जा रहा है . जबकि संविधान और सर्वोच्च न्यायालय पर पूर्ण विश्वास की बात कहने वाले राहुल गांधी को खुद आगे आकर पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में बिना किसी तामझाम के पेश हो जाना चाहिए था, ताकि कोरोना के प्रसार और देश में शांति व्यवस्था भंग होने की संभावना ही नहीं रहती . श्री साहू ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना छोड़कर वे राहुल गांधी को बचाने दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। साहू ने तंज कसते हुए कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री, राहुल गांधी को नहीं बल्कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए गए हैं। देश के प्रत्येक नागरिक को यह समझना चाहिए कि एक आम आदमी को भी अगर कोई जांच एजेंसी पूछताछ के लिए बुलाना चाहे तो उस एजेंसी के पास ठोस प्रमाण मौजूद होने चाहिए, फिर यह तो गांधी परिवार है। इतने सालों से यह केस चल रहा है। इसके बाद भी किसी भी स्तर पर गांधी परिवार को राहत नहीं मिल रही है , इससे यह साबित होता है कि ईडी के पास गांधी परिवार के विरुद्ध जरूर ठोस व अकाट्य प्रमाण मौजूद हैं और यही वजह है कि गांधी परिवार के इशारे पर कांग्रेसियों द्वारा यह सारा प्रपंच किया जा रहा है। इससे मोदी सरकार का तो नहीं लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार की रही सही साख भी देशवासियों के दिल से समाप्त होती जा रही है। चंदूलाल साहू ने अंत में कहा कि यह हिंदुस्तान है और यहां अगर कोई गलत करेगा तो उसे उसका अंजाम भुगतना होगा। फिर चाहे वह रंक हो या फिर कोई राजा। अगर गांधी परिवार वाकई में पाक-साफ है और उसके बाद भी ईडी उन्हें झूठे मामले में फंसाती है तो सर्वोच्च न्यायालय तो है ही दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए।