मत्स्याखेट बावजूद, धड़ल्ले में बिक रही अंडे वाली मछली, मत्स्य विभाग की सुस्ती
”दीपक ठाकुर की रिपोर्ट”
कवर्धा।बारिश का समय मछलियों के प्रजनन का समय होता है। यानी मछलियों की संख्या इन्ही दिनों में बढ़ती है। इसके कारण पूरे प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट प्रतिबन्ध रहता है। इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले के साथ अंडा वाली मछली बेची जा रही है। 16 जून से 15 जून तक बड़े डेम, जलाशय व नदी नालों में मछली पकना प्रतिबन्ध रहता है। गांव के तालाब में केवल मछली पकड़ी जा सकती है। लेकिन यहां बाजार में प्रतिदिन सभी प्रकार की मछली बेची जा रही है। वह भी अंडे वाली मछली की बिक्री हो रही है। मजे की बात है कि यहां अलग से मछली का अंडा भी बिक रही है। इसके बाद में मत्स्य विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नही कर रहे है। जिले व कवर्धा के बाजार में बिना रोक टोक के मछली बेच रहे है। जबकि उन पर कार्रवाई किया जाना चाहिए, मस्तस्य विभाग के उप संचालक एचजी मेहरा का कहना है कि बाजार में मछली कहा से लाये है यह स्पस्ट नही हो पाता है क्योंकि तालाब में मछली मारना प्रतिबन्ध नही होता है।