माता पहुंचनी पर देवी मंदिर में जुटे श्रद्धालु
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । प्राचीन शीतला तालाब में माता पहुंचनी के अवसर पर बड़ी संख्या में आज दिन गुरुवार को श्रद्धालु पहुंचते रहे। एक ओर जहां माता सेवा के गीत चल रहे थे वहीं दूसरी ओर घंटियों की झंकार से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज उठा। महिलाएं थाल सजाकर तेल, हल्दी, नीम के डारा, चना दाल, चावल, नारियल धूप, अगरबत्ती इत्यादि सामग्री लाकर देवी के चरणों में अर्पित किए। हल्दी पानी को घर लाकर पूरे परिवार के लोगों पर छिड़काव किया गया। मान्यता है कि इस तरह के कृत्य करने से देवी प्रसन्न होते हैं और अपने संतानों की हमेशा रक्षा करते हैं। बताना होगा कि प्रतिवर्ष यहां माता पहुंचनी का कार्यक्रम होता है। इस बार श्रद्धालुओं में माता जी के दरबार जाने तथा दर्शन पूजन के लिए बड़ी उत्सुकता देखी गई सुबह से ही लोग आते गए और माता के चरणों में शीश झुकाते रहे देखते ही देखते भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्हें लाइन में लगाना पड़ा और इस तरह से शांतिपूर्वक माता के दर्शन किए। मां महामाया शीतला प्रबंध समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न धीवर, बाल्मीकि धीवर, अशोक शर्मा ने बताया कि मां शीतला के प्रति लोगों की आस्था कूट-कूट कर भरी हुई है। माता सेवा गीत गाने से पूरे नगर में भक्ति रस का संचार हुआ है। इसमें प्रमुख रूप से समिति के संरक्षक ताराचंद मेघवानी, महेश यादव, दिलेश्वर यदु, अशोक श्रीवास्तव, फगवा निषाद, पवन सोनी, फागु निषाद, रामकुमार साहू, गणेश गुप्ता, गोवर्धन सोनी, भरत यादव, उत्तम निषाद, जीतू सोनी आदि का विशेष योगदान रहा।