शरारती तत्वों ने एनीकट का गेट खोला बहा लाखो लीटर पानी
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । पिछले एक सप्ताह से त्रिवेणी संगम में निर्मित एनीकट में पानी एकत्रित हो रहा था। जल संसाधन विभाग उप संभाग राजिम के द्वारा सभी गेट बंद कर दिए थे जिसके कारण पानी इकट्ठा हो रहे थे और इनका ठेलान बेलाही पुल के आगे तक हो गया था जिसके कारण नवापारा के लोगों को निस्तारी पानी उपलब्ध हो रहे थे। नदी में नहाने वालों की संख्या बढ़ गई थी। इधर राजिम संगम लबालब दिख रहा था। दूर देश से आने वाले श्रद्धालु संगम में पानी की धार को देखकर अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे और खुशी-खुशी पवित्र स्नान कर रहे थे परंतु यह सब शुक्रवार को धरी की धरी रह गई जब किसी अज्ञात तत्वों ने एनीकट के गेट खोल दिए। खुलते ही तेज गति के साथ लाखों लीटर पानी फालतू बह गया। इस संबंध में पता चला है कि किसी ने एनीकट के गेट की दूसरी चाबी भी बना लिए हैं और वह इसे खोल दिया है जिससे पानी बह गया अब वह किस लिए खोला है यह समझ से परे हैं जबकि इससे तो लाखों जनता को निस्तारी पानी के अलावा अनेक फायदा हो रहे थे। गेट खोलने वाले बंदे की बेसब्री से तलाश हो रही रही है पकड़ में आने के बाद उन पर कानूनी कार्रवाई होने की भी जानकारी मिली है। इधर गर्मी इस कदर बढ़ा हुआ है कि दोनों शहर राजिम नवापारा में पारा 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है सुबह से ही गर्मी शुरू हो जाती है। भीषण गर्मी में लू लगने का खतरा बना हुआ है। सड़कों पर टेंपरेचर बढ़ गए हैं सीधे सड़क से गर्मी माथे पर पड़ती है। जिस कारण लोग घर से निकलना आफत मोल लेने के बराबर समझ रहे हैं लेकिन क्या करें जरूरी काम आने पर निकलना ही पड़ रहा है ऐसे में नदी एक सहारा है कि पानी रहने से न सिर्फ मनुष्य बल्कि जानवरों को भी तृप्ति मिलती है पशु पक्षियों पानी पीकर तथा कई पक्षियों ऐसे हैं जो नदी के जल से ही अपना भोजन की तलाश करते हैं। पानी रहने से अनेक फायदे होते हैं। गेट खुलने के कारण पानी बह गया और सारी सुविधाएं दरकिनार हो गई है। उल्लेखनीय है कि एनीकट का निर्माण त्रिवेणी संगम में हमेशा पानी रहे इस हेतु किया गया है। जानकारी मिली है कि कुछ तकनीकी फाल्ट के कारण शासन को स्टीमेट बनाकर इनके सुधार के लिए भेजा गया है। गर्मी को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने गेट को बंद कर पानी को रोकने का प्रयास किया गया था। शहर के लोगों की मांग भी थी की गेट को बंद किया जाए। जबसे एनीकट का निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक इनका उपयोग ही नहीं हुआ है। यदि एनीकट पूरी तरह से लबालब रहे तो संगम की आभा निखर जाएगी और श्रद्धालुओं का प्रसन्न होकर सारे कृत्य नदी के जल में करेंगे।