राजीवलोचन के साथ होली खेलने भक्तों की लगी मंदिर में भीड़
राजिम । भगवान राजीवलोचन की नगरी राजिम में होली खेलने के लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। देखते ही देखते सुबह से लेकर शाम हो गई और 6:00 बजने से पहले ही भगवान राजीवलोचन बाल रूप में जैसे ही गर्भगृह से बाहर भक्तों के साथ होली खेलने के लिए निकले तो पूरा परिसर गुलाल से सराबोर हो गया हर एक के हाथ में रंग बिरंगे गुलाल जैसे ही उनके तरफ से भगवान गुजरते जयकारा लगाते हुए उन पर गुलाल लगाते। इस अलौकिक दृष्य ने सब को रोमांचित कर दिया और पूरा परिसर भगवान राजीवलोचन की जय कारा से गूंज उठा। इधर फाग गीत की टोलियां एक से बढ़कर एक होली गीत सुना रहे थे रंग-बिरंगे परिधानों में कोई गोप गोपिया तो कोई राधा कृष्णा के रूप धरे हुए थे जिनकी छवि देखते ही बन रही थी। उल्लेखनीय है कि आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु का सबसे पहले भगवान राजीवलोचन की मंदिर में जाकर उन्हें गुलाल लगाएं इस लिहाज से पुलिस की तगड़ी व्यवस्था भी की गई थी। प्रवेश एवं निर्गमन द्वार अलग-अलग बनाए गए थे। मंदिर परिसर का हर एक जगह गुलाल से रंगा हुआ था। इस दिन भगवान राजीवलोचन मनमोहिनी वेशभूषा धारण किए हुए थे। साल भर में ऐसे परिधान को पहली बार पहनते हैं जिनका दर्शन कर श्रद्धालुगण अपने आपको राजीव लोचन के समीप आकर अत्यंत प्रसन्न हुए। इस मौके पर राजिम विधायक अमितेश शुक्ला अपने काफिले के साथ पहुंचे और अपने नेता को पाकर लोगों ने गुलाल लगाकर एक दूसरे को शुभकामनाएं देते रहें। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय सभी अपने अपने समर्थकों के साथ मंदिर परिसर पहुंचकर भगवान राजीवलोचन के दर्शन किए तथा आम जनता से मिलकर होली की बधाई देते रहे। शहर समेत आसपास के ग्रामीणों के अलावा उड़ीसा से भी श्रद्धालु पहुंचे हुए थे। माना जाता है कि इस दिन भगवान राजीवलोचन का दर्शन शुभता का परिचायक है। वैसे भी विग्रह तीन बार अपने स्वरूप को बदलते हैं जिनमें सुबह बाल्यावस्था, दोपहर युवा एवं संध्या का प्रौढ़ावस्था को प्राप्त करते हैं। मंदिर के सर्वराकार शिव सिंह ठाकुर, श्रवण सिंह ठाकुर,चंद्रभान सिंह ठाकुर, राजेंद्र मनु,महेंद्र सिंह ठाकुर, मंदिर ट्रस्ट के मैनेजर पुरुषोत्तम मिश्रा आदि व्यवस्था में लगे रहे। इस मौके पर उपस्थित फाग गायक जगन्नाथ पटेल ने कहा कि हम प्रतिवर्ष आकर फाग गीत प्रस्तुत करते हैं। हम बड़े सौभाग्यशाली हैं यहां गायन वादन अवसर मिलता है। तुलाराम साहू, रामकुमार देवांगन, योगेश सोनकर, भूपेंद्र सोनकर, दीपक श्रीवास जैसे अनेक गायक प्रतिवर्ष गायन के लिए स्वत: उपस्थित हो जाते हैं और होली के रंग में रंग जाते हैं। बताना होगा कि जिस तरह से बरसाना की लट्ठमार होली प्रसिद्ध है। वृंदावन के रंग उसी तरह से राजिम में राजीव लोचन भगवान के साथ होली खेलने का अपना अलग उत्साह होता है। लोग परिवार सहित इस उत्सव में भाग लेने के लिए आते हैं और रंगों की बरसात शुरू हो जाती है।
शहर में होली सबसे पहले महामाया मंदिर के सामने जलाई गई उसके बाद राजीवलोचन मंदिर के पास पश्चात प्रत्येक चौक चौराहे पर होली जलाकर लोगों ने दूसरे दिन रंग गुलाल जमकर खेला।