अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग बैकुंठ की मनमानी के चलते,मवेशियों को चारा पानी को लिए पड़ रहा है भटकना
“शैलेश राजपूत की रिपोर्ट“
तिल्दा-नेवरा। क्षेत्र में संचालित अल्ट्राटेक सिमेंट उद्योग जिसे सेंचुरी सिमेंट उद्योग के नाम से जाना जाता है ,उनकी मनमानी का अभिशाप क्षेत्र के मवेशियो को भुगतना पड़ रहा है , क्षेत्रवासियों एवं कुछ जनप्रतिनिधियों का माने तो अल्ट्राटेक सिंमेंट उद्योग बैकुंठ निर्भिक रूप से क्षेत्र के दोहन करने में लगे हुए हैं । उद्योग नीति को धता बताते हुए अपनी मनमानी में तुले कथित उद्योग मवेशियों के चारागाह भूमि को भी नहीं बक्श रहा है । गोद ग्राम पंचायतों का माने तो उक्त उद्योग पर्यावरण संरक्षण के मामले में फिसड्डी साबित तो हुआ ही है साथ में ही ग्राम विकास के मामले में गोद ग्रामो को पूर्णतः नकार दिया गया है । औद्योगिक नीति के तहत गोद ग्रामो को संचालित उद्योग से जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह तो गोद ग्रामवासियों के लिए दिवास्वपन सा हो गया है , सीएसआर का पर्याय इस उद्योग के लिए कागजों में सिमट कर रह गया है । संचालित उद्योग से ग्राम विकास पर भागीदारी का अपेक्षा करना महज बेमानी होगी ,बल्कि इसके विपरित इस उद्योग के द्वारा गोद ग्रामो के चारागाह जैसे भूमि को भी समेटने में कोताही नहीं बरता जा रहा है ,आलम यह है कि मवेशियों को चारा पानी को लेकर दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है । चारागाह एवं राजस्व के भूमि पर अपना कब्जा जमाने में अल्ट्राटेक सिंमेंट उद्योग आदतन हूं माफियाओं को पीछे छोड़ दिया है , इनके चलते क्षेत्र में मवेशियों का चरवाही के लिए चरवाहों को भी विवशता की जंजीरे जकड़ रखी है ,चुंकि चारागाह जैसे शासकीय भूमि जो उद्योग की अतिक्रमण का हिस्सा बन गया है ।