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Chhattisgarh

अर्ली वैरायटी के धान के पौधों में निकली बालियां

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राजिम । इन दिनों खेतों में धान के पौधे निकलने के कारण बाहर आ गई है खेतों का दृश्य बदल गया है वहां पहुंचने के बाद मन मयूर नाच उड़ता है। जी हां हम बात कर रहे हैं राजिम अंचल के खरीफ फसल की। अर्ली वैरायटी के धान के पौधों में बालिया निकल आई है। किसान किसलाल साहू, अनिल जांगड़े, ओम प्रकाश साहू, तुलाराम सोनकर, लीला राम साहू ने बताया कि पालिया निकलने के बाद वर्षा खेतों को नुकसान पहुंचाती है उसने इस समय बरसात होने से किसान दिक्कत में आ जाते हैं बता देना जरूरी है कि आज शनिवार को अपराह्न 2:00 बजे शहर में 20 मिनट के लिए झूमकर वर्षा हुई। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई लेकिन दूसरी ओर कुछ ऐसे किसान हैं जिनके खेतों में धान की बालियां गाभिन स्थिति पर है या फिर अभी तक काफी नहीं हुए हैं वह प्रसन्न नजर आए। सब्जी बाडी किसान भी खुश हुए। ज्ञातव्य हो कि10 दिन पहले लगातार 3 दिनों तक अभी बारिश के कारण नदी में विकराल बाढ़ आ गई थी उसके बाद आज तेज बारिश हुई है। किसान भकला साहू, भोला साहू, मधुराम जांगड़े, विजय साहू, संदीप साहू, राजू साहू, लालजी पटेल महेश वर्मा, कमल वर्मा ने बताया कि दशहरा के बाद अर्ली वैरायटी के धान काटकर किसानों पर अपने घर ले जाएंगे। इस बार किसानों को जल्दी उपज प्राप्त होगा इसे लेकर वह प्रसन्न न तो नजर आ रहे हैं लेकिन दूसरी और खेतों में लग रहे भूरा माहों, तना छेदक, ब्लास्ट, पत्ती मोडक, चाप आदि को लेकर चिंता बनी हुई है किसान इधर उधर कहीं से भी हो पैसे का इंतजाम कर महंगी दवाइयां खरीद रहे हैं और खेतों में छिड़काव कर रहे हैं। कुछ किसानों ने शिकायत किया है कि कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस समय गांव की चौपालों में आकर उन्हें मार्गदर्शन करते लेकिन जिले के कृषि विभाग सुस्त है। इससे किसानों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है इन्होंने जिला कलेक्टर से मांग करते हुए प्रत्येक गांव में मार्गदर्शन शिविर लगाकर किसानों को सही जानकारी मुहैया कराने की बात कह रही है। क्योंकि पूरा जिला कृषि प्रधान है बड़ी संख्या में गांव शहर सभी जगह खरीफ की फसल लगाएं हुए हैं और इन्हीं पर ही यहां के निवासियों की जीविकोपार्जन होता है इस लिहाज से कृषि पर ज्यादा फोकस तथा सरकार को संजीदा होने की जरूरत है। दिलचस्प बात यह है कि अंचल के किसानों को उनके गांव के कृषि विस्तार अधिकारी कौन है यही नहीं जानते। इससे स्पष्ट है कि किसानों को कृषि विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ना जानकारी और न ही कोई सुविधाएं मुहैया हो रही है इससे कृषि विभाग के प्रति किसान उदासीन है। कुछ किसानों ने बताया कि उनके गांव में कुछ सामग्री बांट कर विभाग औपचारिकता पूरी कर लेते हैं लेकिन इस समय धान की बालियां निकलने की स्थिति में है और बीमारियां घेर रखी है तब सही जानकारी की जरूरत है मार्गदर्शन के अभाव खल रही है।

“संतोष कुमार सोनकर की रिपोर्ट”

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