अवैध शराब की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाकर कार्यवाही कर रहा है आबकारी विभाग
रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन-2023 के लिए 9 अक्टूबर 2023 से लागू की गई आदर्श आचार संहिता के परिप्रेक्ष्य में तथा आयोग द्वारा विगत अगस्त माह में प्रवर्तन एजेंसियों की ली गई समीक्षा बैठक में प्राप्त निर्देशों के परिपालन में विशेष सचिव सह आबकारी आयुक्त श्री महादेव कावरे द्वारा आबकारी विभाग के सभी उड़नदस्तों तथा सभी जिलों के अधिकारियों को समस्त आसवनी, बाटलिंग यूनिट, ब्रुअरी तथा सभी देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों में सतत जांच कर निगरानी रखने तथा मदिरा के अवैध संग्रहण एवं परिवहन के संभावित स्थलों का चिन्हांकन कर अवैध मदिरा के धारण, परिवहन एवं विक्रय पर कठोर कार्यवाही करने के साथ-साथ राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सघन तलाशी अभियान चलाने तथा संचालित जांच चौकियों में जांच बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के परिपालन में आबकारी विभाग के द्वारा राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से 9 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2023 तक सघन कार्यवाही अभियान चलाकर 2038 छापे मारे गए हैं। इस दौरान 929 प्रकरण दर्ज कर 825 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। विभाग ने इस दौरान 11 हजार 833 लीटर मदिरा जब्त की है जिसका बाजार मूल्य 35 लाख 36 हजार 104 रुपए है। विभाग ने इस अवधि में 59 लाख 90 हजार 600 रुपए कीमत का महुआ लाहन एवं गांजा भी जब्त किया है। आबकारी विभाग द्वारा इन कार्यवाहियों के दौरान 45 वाहन भी जब्त किए गए हैं जिनका बाजार मूल्य एक करोड़ एक लाख 57 हजार रुपए है। राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से आबकारी विभाग ने इस तरह से कुल एक करोड़ 96 लाख 83 हजार 704 रुपए बाजार मूल्य की मदिरा, वाहन, गांजा एवं महुआ लाहन जब्त किया है।राज्य के सीमावर्ती जिलों में स्थापित आबकारी विभाग के 31 चेकपोस्टों में अन्य राज्यों से अवैध शराब का परिवहन रोकने के लिए वाहनों की नियमित जांच की जा रही है। आबकारी अमले द्वारा विभिन्न स्थानों पर रोड चेकिंग के साथ ही रेल्वे पुलिस तथा राज्य पुलिस के साथ मिलकर रेल्वे स्टेशनों, ट्रेनों, बस अड्डों और बसों पर भी जांच की जा रही है। आबकारी विभाग द्वारा टोल-फ्री नम्बर 14405 का संचालन किया जा रहा है, जिस पर अवैध मदिरा से संबंधित या मदिरा दुकानों से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है।