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ऊपरी तौर से स्वस्थ नौजवानों में हार्ट अटैक एक गहन चिंता का विषय : डॉ. राकेश जैन

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रायपुर । दिल की बिमारियों के कारण पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 17 मिलियन लोगों की जान चली जाती है, जो कि कुल मृत्यु दर का 31% हिस्सा है। दिल की बिमारियों में सबसे प्रमुख, दिल की नसों में ब्लॉकेज तथा हार्ट अटैक का आना होता है। आजकल नौजवानों 45 वर्ष खासतौर पर भारतीयों में इसका प्रसार काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी अनुपातिक प्रधानता 10-15% है। डॉ. जैन ने बताया कि हार्ट अटैक के प्रमुख कारण- अधिक उम्र, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा तथा असंतुलित दिनचर्या आदि हैं, जो कि 85-90% तक हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसके अलावा धूम्रपान भी नौजवानों में हार्ट अटैक के लिए एक मुख्य कारक है। नौजवान भारतीयों 45 वर्ष में धूम्रपान की प्रवृत्ति 60-90% तक है, जो कि 45 वर्ष से ज्यादा वर्ष के लोगों से लगभग दोगुना है। धूम्रपान, खासतौर पर पारम्परिक, वंशानुगत तथा वातावरण संबंधी कारकों की उपस्थिति भविष्य में नौजवानों के भीतर हार्ट अटैक की संभावना को प्रबल करती है। धूम्रपान तथा मोटापे के कारण हार्ट अटैक के बाद इससे उबरने में भी काफी परेशानी होती है, इसके साथ ही परिणाम भी विपरीत होते हैं। एक संतुलित जीवनचर्या, अच्छी नींद, ऐरोबिक, शारीरिक व्यायाम प्रतिदिन लगभग 45 मिनट, हरी सब्जियाँ तथा फलों का सेवन, बाहरी असंतुलित खाने का त्याग, धूम्रपान का त्याग, इत्यादि दिल की बिमारियों से बचने के सबसे सीधे तथा सरल तरीके हैं। यदि आप किसी बीमारी, जैसे- मधुमेह, ब्लड प्रेशर इत्यादि से ग्रसित हैं, तो आपने डॉक्टर की नियमित निगरानी में दवाइयों का सेवन करें। अपने दिल के स्वास्थ्य को जानने के लिए इसके नियमित चेकअप हेतु अपने ह्रदय रोग विशेषज्ञ के सम्पर्क में रहे, और संबंधित सलाह का पालन करें।

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