15 साल में भाजपा सरकार ने औसत 50 लाख मिट्रिक टन धान भी नहीं खरीदा—अरुण चौधरी
धमतरी। कांग्रेस ने कहा है कि किसानों को भाजपा की सरकारों ने जैसा धोखा दिया है वैसा भारतीय इतिहास में किसी ने किसी को नहीं दिया है। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शरद लोहाना , महापौर विजय देवांगन, पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ अवर्षा और सूखा होने पर भी मिलेगा।
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अरुण चौधरी के हवाले से जारी बयान में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि 15 साल में भाजपा सरकार ने औसत 50 लाख मिट्रिक टन धान भी नहीं खरीदा लेकिन पिछले साल 2018-19 में भूपेश बघेल जी की सरकार ने 80 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान 2500 रू. में खरीदा। 2019-20 में भी 15 लाख 71 हजार की जगह 19 लाख 52 हजार किसानों का पंजीयन किया गया और 83 लाख टन धान कांग्रेस की सरकार के द्वारा खरीदा गया है। कांग्रेस सरकार ने 2019-20 में धान खरीदी में अपना ही पिछले साल 2018-19 का रिकार्ड तोड़ा। 2020-21 में 21 लाख पचास हजार किसानों का पंजीयन किया कांग्रेस सरकार ने 92 लाख टन धान कांग्रेस सरकार खरीदा है। उन्होंने ने कहा कि अपने 15 वर्षो के शासनकाल में तो रमन सिंह सरकार ने 5 वर्षों में भी इतना धान नहीं खरीदा था, जितना धान 3 वर्ष में कांग्रेस की सरकार ने खरीदा है। रमन सिंह जी किस मुंह से कांग्रेस सरकार पर धान खरीदी को लेकर आरोप लगाते है?
भाजपा सरकार के 15 वर्षो में धान खरीदी के आंकड़ों को जारी करते हुये कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि भाजपा की रमन सिंह सरकार ने तो औसत 50 लाख टन धान ही प्रति वर्ष खरीदा है। 85 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान औसत प्रतिवर्ष 2500 रू. समर्थन मूल्य में खरीदने वाली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा के बयान सीधे-सीधे जनता की आंखो में धूल झोकने की कोशिश है। धान खरीदी पर भाजपा किस मुंह से बोल रही है? भाजपा को किसानों और ग्रामीण मतदाताओं अब कभी समर्थन नहीं मिल सकता क्योंकि छत्तीसगढ़ के गांवों के लोग मजदूर किसान भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र, मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझ चुके है।
कांग्रेस सरकार द्वारा वर्षवार धान खरीदी
खरीफ विपणन वर्ष खरीदी मात्रा लाख टन
2018-19 80 लाख मीट्रिक टन
2019-20 83 लाख मीट्रिक टन
2020-21 92 लाख मीट्रिक टन
कांग्रेस सरकार की औसत धान खरीदी प्रतिवर्ष 85 लाख मीट्रिक टन
भाजपा सरकार द्वारा वर्षवार धान खरीदी
खरीफ विपणन वर्ष खरीदी मात्रा लाख टन
2003-04 27.05 लाख मीट्रिक टन
2004-05 28.87 लाख मीट्रिक टन
2005-06 35.87 लाख मीट्रिक टन
2006-07 37.08 लाख मीट्रिक टन
2007-08 33.51 लाख मीट्रिक टन
2008-09 37.47 लाख मीट्रिक टन
2009-10 44.09 लाख मीट्रिक टन
2010-11 50.73 लाख मीट्रिक टन
2011-12 59.00 लाख मीट्रिक टन
2012-13 70.24 लाख मीट्रिक टन
2013-14 78.35 लाख मीट्रिक टन
2014-15 62.77 लाख मीट्रिक टन
2015-16 59.25 लाख मीट्रिक टन
2016-17 69.57 लाख मीट्रिक टन
2017-18 56.88 लाख मीट्रिक टन
भाजपा सरकार की औसत धान खरीदी प्रतिवर्ष 50.04 लाख मीट्रिक टन
उन्होंने ने कहा है कि जिस भाजपा की सरकार ने 15 वर्ष में कभी इतना धान नहीं खरीदा, जितना धान पिछले साल 2018-19, 2019-20 में और इस साल 2020-21 में भी कांग्रेस सरकार ने खरीदा है। भाजपा ने 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि 2100 रू. समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था कि 5 साल तक 300 रू. बोनस देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था एक-एक दाना धान खरीदेंगे, नहीं खरीदा। भाजपा ने कहा था 5 हार्सपावर पंपों को मुफ्त बिजली देंगे, नहीं दी। भाजपा ने कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशे लागू करेंगे, किसानों को फसल की लागत पर डेढ़ गुना जोड़कर दाम देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे, अभी तक किसानों की आय बढ़ाने के लिये कुछ भी नहीं किया। उन्होंने ने कहा है कि किसानों को 2500 रू. धान का दाम देने का काम कांग्रेस ने किया है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि 2100 रू. समर्थन मूल्य देंगे, 300 रू. बोनस देंगे। 2100 रू. धान का दाम भाजपा सरकार में कभी नहीं मिला। 300 रू. बोनस 5 साल नहीं दिया गया। भाजपा ने तो हमेशा किसानों के साथ धोखाधड़ी ही की है। भाजपा किसान हितैषी बनने का स्वांग रचती रही है और किसानों के लिये घड़ियाली आंसू बहाती है। भाजपा के किसान विरोधी चरित्र को छत्तीसगढ़ के किसान बखूबी जानते, समझते है।