शहर के रायपुर रोड में सड़क किनारे लगते हैं ठेले पर दुकान,सड़कों पर होती है पार्किंग राहगीर परेशान
राजिम। प्रयाग नगरी राजिम में इन दिनों आवागमन का जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है सबसे ज्यादा दिक्कत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 सी रायपुर रोड पर होती है यह अत्यंत व्यस्त मार्ग है यहां पर बैंक से लेकर सब्जी मार्केट, पेट्रोल पंप, अस्पताल, वाहन शोरूम आदि बड़ी संख्या में खुले हुए हैं। सड़क संकरा है बावजूद इसके सड़क के किनारे ठेले में फल दुकाने सजती है। खिलौने की दुकान आदि बिल्कुल सड़क से लगा हुआ रहता है। लोग सड़क में ही अपनी गाड़ी खड़ी कर देते हैं और वह सामान खरीदते रहते हैं जिससे सड़क और संकरी हो जाती है। इससे आवागमन बेतरतीब हो जाता है। फॉरेस्ट नाका के आगे बाइक शोरूम है सड़क से लगाकर यह शोरूम वाले अपनी गाड़ी खड़ी कर देते हैं और तो और ग्राहकों की गाड़ियां भी सड़क में ही खड़ी रहती है। इसी मार्ग में यूनियन बैंक, एक्सिस बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईडीबीआई बैंक, ग्रामीण बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम का कार्यालय है। लोग अपनी कारें व दो पहिया वाहन सड़कों पर ही खड़ी कर देने से लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा यातायात को व्यवस्थित करने के लिए अरसे से कोई मुहिम नहीं चलाई गई है। जिससे राहगीर बहुत परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर पुरानी पुल के पास छोटी-छोटी नवापारा की तर्ज पर दुकान खुलते जा रहे हैं जो दुर्घटना का कारण बन सकता है बता देना जरूरी है कि संकरी रोड और ऊपर से सड़क के दोनों किनारे बड़ी संख्या में दुकान खुलने से राहगीरों को आवागमन करने में बड़ी दिक्कत हो रही थी नतीजा सप्ताह भर पहले एक ट्रक ने बाइक सवार को ठोकर मार दी जिससे जवान महिला की दर्दनाक मौत हो गई और इस तरह से उनका परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा। इसी से कुछ ही दूरी पर करीब 2 महीना पहले एक साइकिल सवार की दर्दनाक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी। जनसंख्या लगातार बढ़ रहे हैं और सड़क चौड़ी नहीं हो रही है उल्लेखनीय है कि नवापारा से लेकर राजिम शहर में बाईपास रोड की मांग लंबे अरसे से हो रही है। पता चला है कि इसके लिए सर्वे का काम भी पूर्ण हो गया है लेकिन अभी तक इस कार्य योजना के बारे में कोई नहीं बता पा रहे हैं। सर्वे हुआ है वह बाईपास रोड की ही है या फिर और किसी कार्य की। गत दिनों स्थानीय नेताओं ने सरकार से बाईपास रोड की मांग की परंतु उस पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं दिख रही है। राजिम और नवापारा शहर के बाहर बाईपास रोड बना दिया जाए लोडिंग लोडिंग गाड़ियां बाहर से ही निकल जाएगी इससे आवागमन का दवा कम होगा। क्योंकि राजिम शहर से होकर जिला मुख्यालय गरियाबंद एवं देवभोग जाने का यह मुख्य मार्ग है। शहर से ही महासमुंद होते हुए उड़ीसा के लिए सड़के हैं। वही धर्म नगरी होने के कारण ना कि प्रदेश भर के लोग बल्कि पूरे देश विदेश से लोग बड़ी संख्या में स्नान दान अस्थि विसर्जन पिंड दान मंदिर दर्शन पर्यटन आदि के लिए आते रहते हैं वर्तमान में 16 फरवरी से प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला शुरू हो रहे हैं इसमें प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है इस लिहाज से आवागमन को व्यवस्थित करना अत्यंत जरूरी हो गया है। बता दे मेले के समय पूरे 15 दिनों तक लोडिंग गाड़ियां नवापारा से होते हुए बेलाही पुल एवं चौबेबांधा राजिम परसवानी मार्ग से होकर गरियाबंद के लिए निकलती है। किंतु सड़के अत्यंत जर्जर है वर्तमान में चौबे बांधा पुल से लेकर राजिम तक पेच वर्क किया गया है। बावजूद इसके सड़के अभी भी ऊपर खबड़ एवं डरावनी है। नगर पंचायत बने हुए शहर को 21 बरस से भी ज्यादा का समय हो गया है लेकिन यहां के लोगों को डिवाइडर रोड की कमी आज भी खलती है।