भानुप्रतापपुर विस उपचुनाव में सावित्री मंडावी के नाम पर लगी मुहर सारी अटकलें हुई दूर
“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर। भानुप्रतापपुर उप चुनाव हेतु देर रात कांग्रेस ने भी अपने अधीकृत प्रत्याशी की घोषणा कर दी है व भानुप्रतापपुर के विधायक रहे दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को प्रत्याशी के रूप में मैदान पर उतारा है। जिससे राजनीतिक गलियारों में उछल रहे कई नामों व अफवाहों पर अब विराम लग गया है। विदित हो कि भानुप्रतापपुर विधानसभा कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है जहां से स्व.मनोज मंडावी तीन बार विधायक रह चुके है। अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनके निधन हो जाने के बाद उनके पार्टी व समाज के ही कुछ लोग उनकी पत्नी के टिकिट मिलने का पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया था जिसके बाद कांग्रेस हाई कमान भी असमंजस की स्थिति में थी। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी को हरी झंडी पहले ही दे दी थी क्योंकि कांग्रेस की परम्परागत सीट को भूपेश बघेल किसी भी हाल में खोना नहीं चाहते है। और यह भी माना जा रहा है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की छवि को भी प्रदर्शित करेगी कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं व कार्यकाल को जनता कितना पसंद कर रही है। बहर हाल अब एक ओर भाजपा से 2008 में भानुप्रतापपुर विधानसभा से विधायक रहे ब्रम्हानंद को मैदान पर उतारा है तो वहीं कांग्रेस दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को चुनावी मैदान पर उतारा है। दोंनो ही पार्टी अपने अपने प्रत्याशी को जिताने कमर कस ली है। लगातार पार्टी कार्यालयों में बैठक भी जारी है। वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज हर गांव से एक-एक प्रत्याशी उतारने की बात के बाद अब केवल एक ही प्रत्याशी मैदान में उतारने की बात कह रहे है जिससे राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा जोरों पर है कि कही इसका फायदा भाजपा को न मिल जाये हालांकि स्व. मनोज मंडावी की पत्नी के साथ सहानुभूति भी है व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद भी इस उपचुनाव पर नजरें रखे हुए है जिससे यह माना जा रहा है कि 2023 में होने वाले चुनाव के पहले इस उपचुनाव में कांग्रेस जनता के बीच अपने आप को कैसे प्रदर्शित करती है।