अंदरुनी क्षेत्रों के बच्चों को सीखते देख मिलती है खुशी – कवासी लखमा
रायपुर। बीजापुर के स्कूली बच्चों के बीच पहुंचे उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा समर कैम्प में उत्साह के साथ खेल, नृत्य, वादन, मूर्ति कला, चित्रकारी आदि में भाग लेते बच्चों को देखकर भावुक हो गए। उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर खुशियां बांटी। गौरतलब है कि वर्ष 2005 के दौरान सलवा जुडूम के समय हजारों स्कूले बंद हो गई थी जिसमें केवल बीजापुर जिले के ही 300 स्कूल बंद हुए थे, इनमें से 200 स्कूलों को पुनः शुरू किया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर बस्तर अंचल के बंद पड़े इन स्कूलों को स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से पुनः संचालित कराने के लिए अभियान छेड़ा गया था।बीजापुर में फिर से शुरू कराए गए इन स्कूलों के बच्चों में आत्मविश्वास भरने उनके प्रतिभा को निखारने के लिए एक साथ एक हजार बच्चों को समर कैंप में विभिन्न गतिविधियां सिखाई जा रही है जिसमें सभी प्रकार के खेल, नृत्य, वादन, मूर्ति कला, चित्रकारी सहित बच्चों के रुचि के अनुसार उनको उन विद्या मे निपुण बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उद्योग मंत्री श्री लखमा ने कहा वे स्वयं पढ़ाई से वंचित रह गए, इसलिए पढ़ाई के महत्व को बहुत अच्छे से समझते हैं और वे नहीं चाहते कि कोई भी गरीब, आदिवासी बच्चा पढ़ाई से वंचित हो इसलिए हमने शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय शिक्षित युवाओं के सहयोग से स्कूलों को प्रारंभ किए गए हैं। स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में चयन कर रोजगार से जोड़ने की यह पहल बहुत ही सराहनीय है।*बच्चों के साथ बांटी खुशियां*उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ कराने में क्षेत्रीय विधायक श्री विक्रम मंडावी और कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा सहित जिला प्रशासन के पूरी टीम बधाई दी। समर कैंप में शामिल बच्चों के साथ मंत्री श्री कवासी लखमा ने नृत्य में भाग लेकर खुशियां बांटी। बच्चों ने भी उन्हें अंग्रेजी, हिन्दी एवं गोण्डी, हल्बी में गीत सुनाया। श्री लखमा ने इन बच्चों को शाबासी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, उपाध्यक्ष श्री कमलेश कारम, जिला पंचायत एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्रीमती नीना रावतिया उद्दे, युवा आयोग के सदस्य श्री प्रवीण डोंगरे, कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा, सीईओ जिला पंचायत श्री रवि कुमार साहू सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।