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ओमिक्रॉन के BA.4 और BA.5 वैरिएंट्स पहले से ज्यादा खतरनाक,वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

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नई दिल्ली। दुनिया में एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे है। भारत, ब्रिटेन, चीन और दक्षिण अफ्रीका में बीते दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे है। इन देशों में कोरोना के हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे है। इस बीच विशेषज्ञों ने एक और लहर आने की चेतावनी दी है।
कोरोना विशेषज्ञों का दावा है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट BA.2 को प्रमुख कारक हैं। शोध में BA.2 वैरिएंट को मूल ओमिक्रॉन से 10 गुना अधिक संक्रामकता वाला बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से वैश्विक स्तर पर नए केसों में इजाफा देखा जा रहा है इसके लिए नए वैरिएंट्स की अत्याधिक संक्रामकता और प्रकृति को एक बड़ा कारण माना जा सकता है। सब-वैरिएंट BA.2 के कारण जारी संकट के बीच विशेषज्ञों ने दो और नए सब-वैरिएंट्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। हाल ही में एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के दो नए सब-वैरिएंट BA.4 और BA.5 को लेकर चेताया है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह दोनों नए वैरिएंट्स कई तरह की नई स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण बन सकती हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि, यह प्राकृतिक संक्रमण और टीकाकरण दोनों से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा भी दे सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने बताया कि ओमिक्रॉन के दो नए सब-वैरिएंट BA.4 और BA.5 एक नई लहर ला सकते हैं। CERI के इन शोधकर्ताओं का मानना है कि इन नए खतरों को लेकर हमें अभी से सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इनकी प्रकृति और कई तरह की जटिलताओं को बढ़ाने वाली हो सकती है।
CERI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए सब-वैरिएंट्स BA.4 और BA.5 की प्रकृति ओमिक्रॉन के पुराने वैरिएंट्स से काफी अलग है। दिसंबर 2021-जनवरी 2022 के दौरान इन दो नए वैरिएंट्स के बारे में पता चला था। तब से अब तक ये दक्षिण अफ्रीका में सात प्रांतों के अलावा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, इज़राइल, जर्मनी, पाकिस्तान, यूएस और स्विटजरलैंड सहित 20 से अधिक देशों में फैल चुका है। इन नए वैरिएंट्स का तेजी से
रिसर्च के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि, जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, उन लोगों में यह वैरिएंट्स गंभीर रोगों का कारण बन सकता हैं। लेकिन इसके अलावा जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है उनमें भी यह संक्रमण बढ़ा सकते हैं। प्रारंभिक अध्ययन यह बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार नई वैश्विक चुनौतियों का कारण बन सकता है।

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