86वें जन्मदिन के अवसर पर कवि सुरजीत नवदीप का किया सम्मान
“वैभव चौधरी की रिपोर्ट”
धमतरी। जिला हिंदी साहित्य समिति द्वारा देश के सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कवि सुरजीत नवदीप के 86 वें जन्मदिन सार्थक स्कूल (म्युनिसिपल स्कूल के पीछे धमतरी) में धूमधाम से साहित्यकारों की उपस्थिति में मनाया गया ।जिला अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव एवं साहित्यकारों द्वारा कवि सुरजीत नवदीप का पुष्पगुच्छ, शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया । उनके स्वास्थ्य एवं सुदीर्घायु जीवन की मंगल कामना की गई। साहित्य समिति के संरक्षक मदनमोहन खंडेलवाल ने कहा कि-मैं कवि सुरजीत नवदीप के बावन साल से दीवाना हूं। कवि सम्मेलन में कविता सुनने के लिए घर से निकल जाते थे तब आने पर घरवालों की डांट पड़ती थी। दीवानगी ऐसी रही कि बस मैं सुनता गया । साथ रहते हुए आज तक एक लाइन भी लिख न सका । श्री गोपाल शर्मा ने कहा कि-कवि सुरजीत नवदीप जितने सरल हैं उनके बारे में कहना उतना ही कठिन है। धमतरी को साहित्य जगत में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। देश के नामी कवियों को धमतरी बुलाए ।गजलकार रंजीत भट्टाचार्य ने कहा कि-हम जिनको ज्यादा जानते हैं उनके बारे में कम ही बोल पाते हैं। कवि सम्मेलन में कविता सुनने के लिए श्रोता के रूप में हम उनके साथ जीप में बैठ जाते थे। भोजन भी मिल जाता था। उन्होंने कोंडागांव में हुए कवि सम्मेलन का संस्मरण सुनाया । एक ग्रामीण श्रोता का कहना था कि- सरदार बने बोलत हे यार,फेर का बोलत हे समझ नइ आवत हे ।साहित्य समिति के अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव ने कहा- सुरजीत नवदीप की रचनाएं एकदम सपाट बयानी और सामान्य लोगों के जुबान में याद हो जाती है । सामाजिक, राजनीतिक और समकालीन परिपेक्ष्य की रचनाएं लोगों को सीखने की प्रेरणा देती है। तत्पश्चात रंजीत भट्टाचार्य, दीप शर्मा, विनोद राव रणसिंह, डॉ.सरिता दोशी, सुश्री माधुरी मार्कण्डेय, तिलक दास मानिकपुरी, डॉ.भूपेन्द्र सोनी ने काव्य पाठ किया। चन्द्रहास साहू ने छत्तीसगढ़ी कहानी तुतारी का पाठ किया। नरेश चन्द्र श्रोती,आकाश गिरी गोस्वामी, हीरालाल साहू, यतीश भूषण श्रीवास्तव, प्रेमशंकर चौबे, ने भी कवि सुरजीत नवदीप जी को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर सुरजीत नवदीप ने अपने साहित्यिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उपस्थित साहित्यकारों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया गया एवं जिजीविषा से जुड़ी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ करके ऊर्जा का संचार किया।कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्य समिति के सचिव डॉ. भूपेंद्र सोनी ने किया।