प्रसिद्ध महामाया मंदिर में चैत नवरात्र की तैयारियां प्रारंभ
राजिम। शहर के प्रसिद्ध मां महामाया मंदिर में चैत नवरात्रि की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि इस बार नवरात्र पर्व 2 अप्रैल दिन शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। 6 अप्रैल दिन बुधवार को श्री पंचमी व्रत है तथा 9 अप्रैल शनिवार को अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा रामनवमी 10 अप्रैल को है। इस नवरात्र पर्व पूरे 9 दिनों का होगा। अब गिनती के दिन ही रह गए हैं ऐसे में नवरात्र पर्व के लिए साफ-सफाई, रंग रोगन तथा लाइट डेकोरेट करने की पूरी तैयारियां हो रही है। ज्योति कलश प्रज्जवलित करने के लिए रसीद भी काटी जा रही है। मां महामाया मंदिर में बड़ी संख्या में ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते हैं इसमें न सिर्फ अंचल के बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश से लोग बड़ी संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करते हैं। समिति के संरक्षक राघोबा महाडिक, जितेंद्र सोनकर, फगुवा निषाद, अशोक श्रीवास्तव, लीलेश्वर यदु व्यवस्था में लगे हुए हैं इस बार कोरोना काल का साया नहीं है। कोई बंधन नहीं होने के कारण श्रद्धालुगण बड़ी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है इसलिए श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की तकलीफ ना हो इसलिए व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। मां महामाया शीतला प्रबंध समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न धीवर, कोषाध्यक्ष अशोक शर्मा, सचिव बाल्मीकि धीवर, पवन सोनी, रामकुमार साहू, नारायण धीवर, गोवर्धन सोनी, अरविंद यदु ने बताया कि प्रतिवर्ष दोनों नवरात्र पर्व देवी आराधना के साथ ही उल्लास लेकर आता है लोगों में देवी मां के प्रति विशेष श्रद्धा है इसलिए प्रतिदिन तो लोग उपस्थित होते ही हैं परंतु पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है उन्हें दर्शन पूजन में किसी प्रकार की कमी ना हो इनका पूरा ख्याल रखा जाता है। शहर के अलावा क्षेत्र के जस गीत मंडली को भी आमंत्रित किया जाता है वह यहां उपस्थित होकर देवी भजनों को जस गीत के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। बताया जाता है कि देवी मां प्राचीन काल से यहां विराजमान है। पहले यह स्थल जंगल में तब्दील था उसी समय देवी मां विकराल रूप लेकर प्रकट हुई थी भक्तों की अनुनय विनय के साथ ही मां महामाया मनमोहिनी रूप में आ गई। एक ही गर्भगृह में दो देवियों की मूर्ति अपने आप में विलक्षण उदाहरण है यहां मां महामाया के साथ ही मां काली की मूर्ति विराजमान है नतीजा भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है।