राजिम माघी पुन्नी मेला का विधिवत शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने किया
राजिम। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से सुशोभित राजिम में 15 दिनों तक चलने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला का विधिवत शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भगवान राजीवलोचन की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित और पूजा अर्चना कर किया। महंत महानदी आरती में भी शामिल हुए। इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, वाणिज्यिक कर मंत्री कवासी लखमा , विधायक धनेंद्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, रायपुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन सुभाष धुप्पड़ और जनप्रतिनिधि तथा श्रद्धालुगण मौजूद थे ।इस अवसर पर डॉ महंत ने कहा कि राजिम मेला को पुरातन संस्कृति और पुन्नी मेला के रूप में स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और धर्मस्व मंत्री का बधाई दिया। डॉ महंत ने कहा कि राज्य के लोगो में आपसी प्रेम और सद्भाव, एकता,भाईचारा से ही नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो। उन्होंने कहा कि आज हमें आपसी भेदभाव और घृणा की आवश्यकता नहीं है। राजिम माघी पुन्नी मेला हमें आपसी प्यार और सद्भाव का संदेश देती है। राजिम मेला से ही छत्तीसगढ़ी ओ की पहचान बनी है। उन्होंने साधु संतों की कम उपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मंत्री ताम्रध्वज साहू को इसका कारण जानकर उन्हें बुलाने की बात कही। इस तीर्थ स्थान में सत्संग ,साधु संत महात्मा द्वारा दी गई सीख और आशीर्वाद को ग्रहण करना चाहिए। यहां के पावन तीर्थ में सतगुण को ग्रहण कर जीवन में सफल हो। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ में हर चीज बेहतर हो इसके लिए मिलकर नवा छत्तीसगढ गढ़ना है। उन्होंने आज हुए दुर्घटना में मृतात्मा और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की ।इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मेला का स्वरूप पहले बदल गया था जिसे पुनः स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आते ही पहला विधेयक राजिम माघी पुन्नी मेला का लाया था और गजेटियर के अनुसार इसे पुन्नी मेला का नाम दिया गया । मेला का स्वरूप सुंदर हो, यहां के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन का समावेश करने का प्रयास किया जा रहा है। सबके सहयोग से यह चौथा वर्ष आयोजन हो रहा है। राज्य के विकास का आधार हमारी संस्कृति है ।उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य की पुरातन संस्कृति का संरक्षण किया जाए। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। स्टाल भी लगाया गया है। उनके द्वारा मेला के बेहतर आयोजन के लिए सुझाव देने आग्रह किया गया।वाण्यजिक मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि धर्मस्थल है यहां 15 दिन शराब बंदी रहेगा। यह देश का पहला राज्य है जहां गोबर खरीदी जाती है, धान प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए में खरीद रही है। शासन बस्तर के आदिवासी के पूज्य देवगुड़ी के विकास के लिए 5 लाख रुपए और घोंटूल संस्कृति विकास के लिए 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं।अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि प्रारंभ समय में इसे स्थानीय रूप से आयोजित किया गया था । उन्होंने राजिम माघी पुन्नी मेला संस्कृति की पुनः स्थापित करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार प्रकट किया है। प्राचीन अस्तित्व को पुनर्स्थापित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राजिम सदियों से महान पवित्र भूमि है यहां आस-पास की सांस्कृतिक धरोहर विद्यमान है । राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि यहां आसपास के हजारों लोग इस पवित्र भूमि में दर्शन करने आते हैं और पुण्य लाभ कमाते हैं । आस्था और भक्ति का संगम है। उन्होंने यहां के ऐतिहासिकता की जानकारी दी। उन्होंने मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजिम क्षेत्र में मेला के दौरान 15 दिनों के लिए शराब बंदी के लिए आभार प्रकट किया और धन्यवाद दिया।कलेक्टर नम्रता गांधी ने राजिम माघी पुन्नी मेला के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया की लेजर शो और सरस मेला आकर्षण में से एक है।यहां श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी प्रजापति के रविकर साहेब, नारायण भाई, हेमा और पुष्पा बहन , स्वामी सिद्धेश्वरानंद महाराज , त्रिभुवन महराज और स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित पुलिस अधीक्षक जे आर ठाकुर ,वरिष्ठ अधिकारीगण और श्रद्धालुगण मौजूद थे । इस अवसर पर गोबरा नवापारा पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी,पुष्पा जगन्नाथ साहू, रेखा सोनकर मौजूद थे।