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राजिम की माटी साहित्य के लिए अत्यंत उर्वरा,काव्य गोष्ठी में कवियों ने पढ़ी बेबाक कविता

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”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। स्थानीय गायत्री मंदिर के सभागृह में प्रयाग साहित्य समिति के तत्वाधान में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कवि नूतन साहू को लगातार कविता लेखन के क्षेत्र में उपलब्धि अर्जित करने पर मंच से सम्मानित किया गया। अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह अतिथि कवियों के द्वारा प्रदान किया। मौके पर उपस्थित नूतन साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम की माटी साहित्य के लिए अत्यंत उर्वरा है। मैं धन्य हो गया कि मेरे जन्म दिवस के अवसर पर मुझे यह सम्मान प्राप्त हुआ है। मेरा उद्देश्य है कि प्रतिदिन एक कविता पाठकों को समर्पित करूं इसीलिए हर रोज नई कविता लिख रहा हूं। चरैवेति चरैवेति के आधार पर आगे बढ़ रहा हूं। सफलता एक दिन में नहीं मिलती, उसके लिए लगातार प्रयास करना पड़ता है तब कहीं मुकाम प्राप्त होती है। मुख्य अतिथि की आसंदी पर विराजमान संस्था एक प्रयास के प्रदेश अध्यक्ष कवि काशीपुरी कुंदन ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में रचनाकारों की बढ़ी संख्या इस बात का प्रमाण कर रही है कि यहां साहित्य रोज आकार ले रही है। साहित्य और साहित्यकार दोनों मिलकर समाज को एक नई दिशा देने का काम करते हैं। प्रयाग सहित समिति के अध्यक्ष टीकमचंद सेन ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम लेखन की शैली को स्कूली बच्चों तक ले जाएं और उन्हें भी साहित्य से जोड़े। इससे उनमें लेखन कौशल का विकास होगा तथा साहित्य के पाठकों की संख्या भी बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के तहसील अध्यक्ष अशोक शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा साहित्य की नगरी के नाम से जाना जाता है। पंडित सुंदरलाल शर्मा, पुरुषोत्तम अनासक्त, छबीलाल अशांत, संत कवि पवन दीवान, कृष्णा रंजन, प्रशांत पारकर जैसे अनेक कवियों की रचनाएं समाज को संदेश देने का काम कर रही है। हास्य कवि गोकुल सेन कहा कि हम बड़े सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म राजिम में हुआ है। हमारी सोच जब लिपिबद्ध होती है तब उसे पूरी दुनिया पढ़कर ज्ञान अर्जित करते हैं। यहां के साहित्यकारों ने सात समंदर पार भी साहित्य के अलख जगाएं हैं। वरिष्ठ साहित्यकार तुकाराम कंसारी ने कहा कि मेरा प्रयास है लेखन के क्षेत्र में जो मेहनत कर रहे हैं उसे किसी भी तरह से हो मंच प्रदान करूं। नए पौधों को जल देने से उनकी बात बनी रहती है। नवोदित रचनाकार भी राजिम नवापारा का मान बढ़ा रहे हैं। यह प्रसन्नता का विषय है। प्रसिद्ध मानस व्याख्याकार प्रहलाद गंधर्व, नगर पटेल गणेश गुप्ता, गायत्री परिवार के जिला संयोजक टीकमचंद साहू, प्रयाग सहित्य समिति के वरिष्ठ सदस्य विष्णु जांगड़े, मंथन साहित्य परिषद पांडुका के पुरुषोत्तम चक्रधारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। पश्चात कविताओं का दौर शुरू हुआ जिसमें नवापारा की कवियत्री सरोज कंसारी ने बेटी के ऊपर शानदार कविता पढ़ी। युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने गजल सुना कर देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। पांडुका के कवि पुरुषोत्तम चक्रधारी ने छत्तीसगढ़ी में गीत पढ़कर माहौल में चार चांद लगा दिया। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने किया। मौके पर कल्याणी कंसारी, ज्योति बंजारे, पुरुषोत्तम दीवान, सुनीति साहू आदि उपस्थित थे।

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