पढ़िए कवि बालकृष्ण ​श्रीवास्तव की कलम से….शौक से तुम कर्म कर लो, पर दिल किसी का ना दुखे

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महासमुंद। शिक्षक और ​कवि बालकृष्ण ​श्रीवास्तव अपनी कविताओं के लिए इन दिनों सूर्खियों में दरअसल उनकी कविताएं लोगों के दिल को भा रही है। वर्तमान में उनकी कविता काव्य प्रहर में प्रकाशित हुई है। आप भी पढ़े…

May be an image of 1 person and text that says 'पहर സง.ല:ശ C:ටా प्रहर काव्यगोष्ठी 05 सितम्बर बी,के,शुद्ध, के, शुद्ध, बी, शौक से तुम कर्म कर लो, पर दिल किसी का न दुखे| साफ़ हो दिल हर किसी का, मन से सदा माधव बना रहे| हो सके तो सबको अपना, तू बना कर चलता चल| मुश्किलों की राह खोजकर, हल सभी निकालें आगे बढ़| हमने दुनिया को न जाना, नहमें है कुछ और जानना। सबका हो जाए भला बस, करता हूँ सदा ये कामना| मन से मानव बन जा बंदे, हर तरफ खुशहाली हो| हर मानव के चेहरे पर, उत्साह से भरी लाली हो| kavyaprahar www.kavyaprahar.com'

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