भू-अर्जन के मुआवजा वितरण की प्रतिदिन भेजनी होगी रिपोर्ट, कलेक्टर ने सभी एसडीएम को दिए निर्देश
कोरबा। कोरबा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल कॉरिडोर और सिंचाई परियोजनाओं के लिए अर्जित की जाने वाली जमीन के मुआवजा वितरण की अब सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को हर दिन जानकारी कलेक्टर कार्यालय को देनी होगी। कलेक्टर रानू साहू ने आज राजस्व अधिकारियों की बैठक में इस बारे में जरूरी निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने बैठक में राजस्व विभाग के कामकाज की बिंदुवार, अधिकारीवार समीक्षा की। उन्होंने आमजनों की सहुलियत के लिए अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन सहित डायवर्सन आदि के प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल कॉरिडोर और सिंचाई परियोजनाओं के लिए अर्जित भूमि के लंबित प्रकरणों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अर्जन की प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अनुसार ही करने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने भूमि अर्जन के बाद राजस्व रिकॉर्ड में भी अभिलेख दुरूस्तीकरण का काम तत्काल करने के लिए भी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में अपर कलेक्टर सुनील नायक, एसडीएम हरिशंकर पैंकरा, शनंदजी पटेल और अरूण खलखो सहित सभी तहसीलों के तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार भी शामिल हुए।
बैठक में राजस्व अधिकारियों ने बताया कि जिले में भू-अर्जन संबंधी 102 प्रकरण लंबित हैं। 23 प्रकरणों में प्रारंभिक जांच, 04 में सेवा शुल्क जमा कराने, 06 में ग्राम सभा से अनुमोदन, 24 प्रकरणों में सामाजिक समाघात प्रकरण के निराकरण, 13 विशेषज्ञ समूह का मूल्यांकन, 21 प्रारंभिक-अंतिम अधिसूचना जारी करने से लेकर 04 प्रकरणों में धारा 21 की सुनवाई और 07 में अवॉर्ड पारित करने की कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि भू-अर्जन के प्रकरणों को पूरी तरह जांच परख कर ही किसानों को मुआवजा वितरण किया जा रहा है। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को भू-अर्जन के प्रकरणों में मुआवजा वितरण के साथ ही राजस्व अभिलेख दुरूस्तीकरण भी अनिवार्यतः करते चलने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्धारित समय सीमा समाप्त होने वाले भू-अर्जन के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिए। साहू ने ऋण पुस्तिकाओं के सत्यापन के काम में तेजी लाने को कहा।
बैठक में कलेक्टर ने नारंगी वनखण्डों का सर्वे 10 जनवरी 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने नारंगी वन क्षेत्र का सर्वे ग्रामवार कर रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा। कलेक्टर ने इसके लिए जिला स्तर पर राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर नारंगी क्षेत्रों में शामिल गैर वन मद की भूमि का भी सर्वे करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मसाहती गांवों के सर्वे की अद्यतन स्थिति की भी बैठक में समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि कोरबा जिले में 117 मसाहती गांवो में से 113 मसाहती गांवो का सर्वे पूरा किया गया है। चार गांव डुबान क्षेत्र में है। 113 गांवों का मौका सत्यापन कर आईआईटी रूड़की को नक्शा एवं सीमा सुधार के लिए भेजा गया है, जिसमें से 15 गांवों का नक्शा प्रकाशन अंतिम चरण में है। कलेक्टर ने मसाहती गांवों के सर्वे के लिए पृथक दल बनाकर आईआईटी रूड़की से समन्वय के निर्देश बैठक में दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित की गई फसलों के कटाई प्रयोगों की पूरी जानकारी एवं परिणाम ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज करने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राप्त आवेदनों पर भी तत्काल कार्रवाई करने को कहा। अधिकारियों ने बताया कि जिले में अब तक 670 प्रकरणों में 28 करोड़ 48 लाख 84 हजार रूपए से अधिक की सहायता राशि स्वीकृत कर दी गई है। वर्तमान में केवल 11 प्रकरण ही निराकरण के लिए शेष हैं। कलेक्टर ने इस पर प्रसन्नता जताई और राजस्व अधिकारियों को शेष लंबित प्रकरणों को भी जल्द से जल्द निराकृत करने के भी निर्देश दिए। साहू ने कोविड-19 से मृतकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक अनुदान की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि 850 प्रकरणों में चार करोड़ रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत कर दी गई है। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व वसूली तेज करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने भू-राजस्व, भू-भाटक, पर्यावरण उपकर, अधोसंरचना उपकर, अर्थदण्ड आदि के प्रकरणों को भी निर्धारित समय सीमा में निराकृत कर राजस्व वसूली के निर्देश अधिकारियों को दिए।