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Chhattisgarh

तीजा व्रत के पहले करू सब्जी खाने कल करेला बिका ₹40 किलो तो आज₹10 किलो

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राजिम । प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला महिलाओं का प्रमुख व्रत तीजा पर्व इस बार गुरुवार को मनाई जाएगी। बुधवार को करू भात खाया जाएगा। इसके लिए करेले की सब्जी की विशेष मांग होती है वर्तमान में गत 15 दिनों से करेले की कीमत गिरने की वजह से किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। पिछले 2 दिनों से ही करेले की कीमत में थोड़ी इजाफा हुआ है मंगलवार को अलग-अलग कीमतों में करेला बिका। नगर के रायपुर रोड स्थित सब्जी पसरा में ₹40 किलो करेला बेची जा रही थी तो महमाया चौक स्थित हटरी पसरा बाजार में ₹80 किलो में भी लोग खरीदें। चर्चा करने पर ₹80 किलो में खरीदने वाले कुछ लोगों ने बताया कि आज से 2 दिन पहले ₹15 किलो में करेला खरीदे थे लेकिन आज त्यौहार के मद्देनजर ₹80 किलो में खरीदे हैं। बढ़ी हुई कीमत सुनकर बुधवार को सुबह थोक मंडी बाजार में करेली की आवक बढ़ गई।₹20 किलो से बोली प्रारंभ हुई और देखते ही देखते ₹10 में उतर गया। बाद में 6से7 रुपए किलो में भी किसानों को बेचना पड़ा। एक किसान ने बताया कि वह बड़ी मात्रा में बाडी से करेला इसलिए मंडी में लाए थे ताकि उनको अच्छे कीमत मिले लेकिन उन्हें कम कीमत में बेचकर नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि 15 किलो करेला ₹30 में बेचा है। भाव चाहे जो भी रही है लेकिन करेले की बिक्री आज खूब हुई है। वैसे भी करेला परम हितकारी एवं औषधीय गुणों का भंडार है भूख को बढ़ाकर करेला हमारी पाचन शक्ति को सुधारना है पचने में करेला हल्का होता है गर्मी में उत्पन्न विकारों पर शीतल होने के कारण यह शीघ्र लाभ करता है। बेशक करेला खाने में कड़वा होता है लेकिन इनके गुण अत्यंत लाभकारी होते हैं। यह बहुत सी बीमारियों के लिए औषधि के रूप में उपयोग की जाती है। करेले में एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन पाए जाते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए बी सी पाए जाते हैं इनके अलावा कैरोटीन, बीटा-कैरोटीन,लूटीन, जिंक, आयरन,पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज जैसे तत्व पाए जाते हैं। अंचल में करेले की खेती बड़ी मात्रा में होती है जिससे लोगों को आसानी से करेला सब्जी के रूप में प्राप्त हो जाते हैं। बुधवार को तिजहारिन महिलाएं कड़वा सब्जी के रूप में करेले की सब्जी के साथ भात खाएंगे। इसलिए इस दिन को काडू भात के नाम से जाना जाता है। गुरुवार को निर्जला तीजा व्रत रखा जाएगा। शुक्रवार को व्रत का पारणा होगा। इस दौरान महिलाएं नए वस्त्र धारण कर व्रत तोड़ती है। महिलाएं अपनी मायके में यह व्रत रखती है बताया जाता है कि माता पार्वती महादेव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए खुद राजमहल को छोड़कर जंगल में चली गई थी। वह दिन तीज का था। इस दौरान माता पार्वती ने कठोर तपस्या की। उन्होंने बिना कुछ खाएं व्रत साधना में लगी रही नतीजा उन्हें भोलेनाथ पति के रूप में प्राप्त हुए। अपने पति की मंगल कामना के लिए यह तीजा व्रत रखने की परंपरा प्राचीन काल से है। तीज पर्व के कारण सड़कों पर आने जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ गई है दूसरी ओर बसों में सवारिया एकमुश्त बढ़ी है जिसके कारण बस वाले लंबे अंतराल के बाद अच्छी कमाई कर रहे हैं। नगर से होकर सैकड़ों यात्री बसे सुबह से ही दो से तीन राउंड करते हैं इनमें सबसे ज्यादा बसें राजधानी रायपुर के लिए राजिम से होकर जाती है उसके बाद जिला मुख्यालय गरियाबंद कथा फिंगेश्वर महासमुंद के लिए भी बसे निकलती है इनके अलावा चारों धाम आदि स्थानों पर दिन भर बस व ऑटो घूमती है। कोरोना का लहर अभी गया नहीं है लेकिन बसों में यात्रियों की भीड़ इस कदर बढ़ी है कि कोरोना गाइडलाइन को नजरअंदाज कर दिया गया है इससे खतरा बढ़ गई है। पकड़े दुकानों के अलावा सोना चांदी दुकान तथा अन्य दुकानों में भी खरीददार बढ़े हैं बाजारों में रौनकता लौट आई है।

“संतोष सोनकर ​की रिपोर्ट”

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