दूध पीते बच्चों के साथ 7 किमी पैदल चलकर आधार सेंटर पहुँची महिलाएं, सेंटर बंद होने से मायूस होकर लौटे
“नरेश कुमार की रिपोर्ट”
कांकेर। सरकार ग्रामीणों को सुविधाएं मुहैय्या कराने लगातार प्रयासरत जहाँ जगह-जगह आधार सेंटर खोले गये जिससे छोटे मोटे काम के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक व जिला मुख्यालय का चक्कर नजे काटना पड़े किंतु उप तहसिल क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत आमाबेड़ा में
लोगों को राहत आफत हो गया है। आधार सेंटर ऑपरेटर द्वारा भोले भाले ग्रामीणों से निर्धारित शुल्क से अधिक वसूला जा रहा है तो कभी आधार कार्ड बनवाने एवं आधार कार्ड से मोबाईल लिंक करवाने के लिए ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है।समय पर आधार सेन्टर भी नहीं खुलनें की शिकायत भी ग्रामीण करते रहते है।हद तो तब हो गई जब आज पैदल 6 से 7 किमी की दूरी तय कर तपती धूप में अपनें दूध पीते बच्चों को ले कर दो महिलाएं घंटो इंतजार करते रहे आधार सेंटर नहीं खुलने पर फिर से पैदल वापस लौटना पड़ा।इस वाक्या के बाद आधार सेन्टर संचालक से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया किंतु उनसे संपर्क नहीं हुआ बाद में पता चला कि वह अपनी पत्नि को अंतागढ़ परीक्षा दिलाने ले गया था। इसकी सूचना आधार सेंटर के सूचना पटल पर भी नहीं लिखा था जिसके चलते ग्रामीण महिलाओं को दिनभर भटकना पड़ा।बता दे कि आमाबेड़ा उप तहसिल क्षेत्र के 23 पंचायतों के लोग इस एक मात्र आधार सेन्टर पर आश्रित हैं यह पहली बार नहीं हुआ है आये दिन आधार सेन्टर से ग्रामीणों को मायूस लौटना पड़ता है।इस सबन्ध में आमाबेड़ा उपतहसील के तहसीलदार वीरेंद्र नेताम ने बताया कि इसकी मुझे सूचना मिली है जिसके बाद आधार सेंटर के संचालक को समझाइश दी गई है व आगे इस प्रकार की लापरवाही न हो इसको ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके इसका प्रयास करने की बात कही है।