कारली की जनता ने लाल ज़हर को रोका तो प्रशासन ने गुपचुप तरीके से करवा दिया ट्रक खाली — समाज प्रवक्ता संजय पंत
दंतेवाड़ा । जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप गहराता जा रहा है और कलेक्टर दीपक सोनी पर व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के आरोप भी सही साबित होता जा रहा है । ज्ञात हो कि मित्तल स्टील्स और जिला प्रशासन पर सांठ गांठ कर वेस्ट मटेरियल को कारली पंचायत में डंप करने के मामले में घिरी जिला प्रशासन पर कारली पंचायत के सरपंच एवं सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाए है कि बिना ग्राम सभा के अथवा बिना ही ग्राम पंचायत को जानकारी दिए ही पंचायत भूमि में मित्तल स्टील्स के वेस्ट मटेरियल को डंप करने की अनुमति दे दी गयी है । जिस मामले में विरोध प्रदर्शन करते हुए बीते दिन कारली पंचायत के ग्रामवासियो ने चक्काजाम करते हुए मिट्टी भरकर आई गाड़ियों को खाली होने नही दिया था और शाम तक ग्रामीण डेट रहे । बीते शाम मामला इस कदर तूल पकड़ चुका था कि अपनी पद का नाजायज़ फायदा उठाते हुए जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने अनऔपचारिक रूप से आदेशित करते हुए पुलिस बल तक को मौके पर भेज दिया, गाड़ियों को खाली करवाने के लिए, पर ग्रामीणों के विरोध के बाद ऐसा नही हो सका । हालांकि ग्रामीणों के विरोध के बाद कंपनी द्वारा भी लोडिंग की अनुमति नही दी गयी और आज कार्य बंद रहा पर जो वाहने कल विरोध के बाद खाली नही हो पाई थी उन्हें आज सुबह तड़के ग्रामीणों की आने से पहले ही गुपचुप तरीके से प्रशासन एवं जौहर लोजिस्टिक्स के ठेकेदार ने मिल कर गाड़िया खाली करवा दी ।
आज दिन भर इस मुद्दे पर चली गहमा गहमी के बाद समाजसेविका सोनी सोरी ने ग्रामीणों की तरफ से मोर्चा संभाला और मामले की जांच करने कारली स्थित नवीं बटालियन पहुँची । कार्यस्थल पर पहुँच कर जब सोनी सोरी ने निरक्षण करना चाहा तो पहले तो बटालियन के अधिकारियों ने उन्हें अंदर घुसने ही नही दिया, पर नोकझोक बढ़ने पर जब ग्रामीणों ने जोर आज़माया तो सोनी सोरी गेट के नीचे से सरकते हुए मौके पर पहुँची । कार्यस्थल पर सोनी सोरी ने देखा जिस जगह मिट्टी डाला जा रहा है तो यह नियमविरुद्ध है और इससे आस पास के खेतों को नुकसान पहुँचेगा और साथ ही बाजू से बहने वाली बरसाती नाला से भविष्य में लाल पानी का खतरा भी बढ़ जाएगा । सोनी सोरी की कार्यस्थल पर बटालियन के अधिकारियों से भी बहस हुई कि आखिर कैसे जनता के विरोध के बाद भी ऐसे समाजअहित के कार्य मे आप सहयोग दे सकते है ।
बहरहाल पूरे मामले में अब जिला कलेक्टर दीपक सोनी पर ग्रामीणों द्वारा गम्भीर आरोप लगाए जा रहे है और इस सारे मुद्दे पर प्रशासन मौन है । दो दिन से जारी ग्रामीणों के इस आंदोलन में एक बार भी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ग्रामीणों से चर्चा करना जरूरी नही समझा बल्कि पुलिस बल का प्रयोग करना ज्यादा उचित समझा । सारे मामले को बारीकी से समझने पर कलेक्टर पर लगे व्यक्तिविशेष को फायदा पहुँचाने के आरोप यदा कदा सही साबित होते नज़र आ रहे है । मित्तल स्टील्स कंपनी ने तो अब ग्रामीणों के दबाव के बाद गाड़ियां नही भेजी पर क्या अब जिला प्रशासन इस मामले में पंचायत से अनुमति लेगा या प्रशासनिक बल का प्रयोग करते हुए इस मामले को रफा दफा करने की जुगत में लग जायेगा ।