लॉटरी से चयन हुए 19 दिन बीते अभी तक आत्मानंद स्कूल में कक्षा शुरू नहीं, छात्रों का भविष्य लगा दांव पर
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । शहर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम पंडित रामविशाल पांडे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अभी तक कक्षा प्रारंभ नहीं हुआ है जिसके कारण छात्र खाली घर में बैठने के लिए मजबूर हैं। गत 23 जुलाई को लाटरी पद्धति के द्वारा आत्मानंद विद्यालय के लिए चयन किया गया उसके बाद 26 से लेकर 30 जुलाई 5 दिनों तक दस्तावेज जमा करने की तिथि निर्धारित की गई थी उसी के आधार पर जिनका चयन हुआ है वह छात्र छात्राओं के पालक जिस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ रहे थे वहां से तुरंत स्थानांतरण प्रमाण पत्र निकलवाकर ले आए और जमा कर दिए। बाद में प्रवेश के लिए दस्तावेज जमा करने की तिथि बढ़ाकर 8 अगस्त कर दिया गया। वर्तमान में 11 अगस्त गुजर चुके हैं और इस तरह से लॉटरी से चयन हुए 19 दिन पूर्ण हो चुके हैं और क्लास नहीं लगने के कारण छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। प्रशासन के द्वारा अभी तक इन छात्र-छात्राओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है। अलबत्ता पालक शीघ्र कक्षा प्रारंभ करने की मांग स्कूल शिक्षा विभाग से करते आ रहे हैं परंतु वह नए शिक्षकों की भर्ती करने का हवाला देकर कक्षा प्रारंभ करने अभी तक आश्वासन ही दे रहे हैं। जिले के उच्चाधिकारी शीघ्र कक्षा प्रारंभ करने की बात तो कहते हैं परंतु वह शीघ्रता कब आएगी समझ से परे हो गया है। इसी तरह से लेटलतीफी रही तो बोर्ड क्लास वालों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा। बताना होगा कि पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं प्रारंभ होनी है इनमें से पांचवी, आठवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देंगे। इसके लिए खूब तैयारी करनी पड़ती है इन छात्रों के लिए एक दिन भी भारी होता है। छात्र 26 तारीख से लेकर अभी तक स्कूल छोड़ कर बैठे हुए हैं इस तरह से 17 दिन हो गए और अभी तक कक्षा नहीं लगे हैं इसे लेकर पालक और छात्र-छात्राएं दोनों चिंतित है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा पूरे प्रदेश में 76 आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं इनमें से गरियाबंद जिला में मात्र एक विद्यालय राजिम में खोला गया है। वैसे भी जिले के पांचो विकासखंड गरियाबंद, फिंगेश्वर, छुरा, मैनपुर, देवभोग में पिछले सत्र से ही स्कूल खुल चुका है। इस तरह से राजिम को मिलाकर गरियाबंद जिले में अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद उत्कृष्ट 6 विद्यालय हो चुके हैं। जिला प्रशासन को मात्र एक विद्यालय के लिए व्यवस्था करनी है उसके लिए भी लंबा वक्त लग रहा है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। पालकों का कहना है कि यदि कक्षा प्रारंभ करने में इसी तरह से अभी भी और देरी होगी तो प्रशासन जो बच्चे पुरानी स्कूल में जा रहे थे वहां के प्राचार्य को लिखित में प्रपत्र भेजकर उस बच्चे को जिनका चयन आत्मानंद में हुआ है उन्हें पढ़ाने के लिए कहें जिससे उनकी पढ़ाई निरंतर जारी रह सकें और फिर उसके बाद आराम से विद्यालय प्रारंभ करने के लिए व्यवस्था करते रहे।
जानकारों का कहना है कि जब तक नए शिक्षकों का भर्ती नहीं हो जाता तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किया जा सकता है जिसके लिए जिले में पहले से पांच अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय है वहां से कुछ शिक्षकों को यहां बुलाया जा सकता है इनके अलावा बीएड प्रशिक्षु शिक्षक के साथ कुछ पुराने और कुछ प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ कक्षा प्रारंभ की जा सकती है। सब उच्चाधिकारियों के ऊपर निर्भर करता है। इधर छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है जिसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। अब तो दस्तावेज जमा करने की तिथि समाप्त हो चुकी है। बावजूद इसके कक्षा प्रारंभ नहीं करना प्रशासनिक उदासीनता की ओर इशारा करती है।