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पिछले दो सालों से नहर नाली अधूरा, शीघ्र बनाने किसानों ने किया मांग

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”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम।
चौबेबांधा नहर नाली पिछले दो सालों से बनाई जा रही है लेकिन काम रुक रुककर चलने के कारण यह छोटी नहर नाली अभी तक अधूरी ही है। पिछले साल पूरी गर्मी खाली पीली निकल गई लेकिन जैसे ही जून लगा उसके बाद काम शुरू हुआ जैसे तैसे 10 से 15 रोज ही चला। शायद बरसात के कारण बंद कर दिया गया जो आज तक शुरू नहीं हुआ है। उस समय जिम्मेदार अधिकारियों का स्पष्ट रूप से कहना था कि रबी फसल लगने के कारण हम नहर नाली को पूर्ण नहीं कर पाए हैं इस बार खरीफ की फसल कट गई है पूरी जगह खाली है। यदि आजकल में काम चालू नहीं किया गया तो फिर से रबी फसल लग जाएगी और मई तक बहाना बनाने का अवसर मिल जाएगा। इस तरह से चौबेबांधा की नहर नली अधूरी रह जाएगी। किसान नहर नाली को लेकर बहुत चिंतित हैं। काम अधूरा होने के कारण बीते खरीफ फसल में पानी पलाने के बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने नहर नाली को पक्का बनाने के लिए प्रदेश शासन से करोड़ों रुपया स्वीकृति दिलाए थे। समय पर नहीं बन पाने के कारण किसान परेशानी में डूबे हुए हैं। बताना होगा कि इस नहर नाली की चिंता करने वाला कोई नहीं है नतीजा अधिकारी उदासीन है और ठेकेदार मनमौजी कर रहे हैं। परेशान किसान हो रहे हैं। पिछली मई जून में ही कुछ किसानों ने बताया था कि काम बिल्कुल गुणवत्ता हीन चल रही है हल्की सी चोट करने पर सीमेंट की चादर टूट रहे हैं। यही स्थिति रही तो करोड़ों रुपया पानी में बह जाएगी। पक्के नहर नाली के सपने देखने वाले किसान के ख्वाब चूर चूर हो जाएंगे। इस बार भी इन किसानों ने मजबूती के साथ नहर नाली को बनाने की मांग जल संसाधन विभाग के मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक अमितेश शुक्ल, जिले के अधिकारियों से की है। इस नहर नाली को शीघ्र बनाया जाना बहुत जरूरी बताया गया। उल्लेखनीय है कि चौबेबांधा खार का यह नहर शहर से लगा हुआ है। यहां से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर जल संसाधन विभाग का उप संभागीय कार्यालय राजिम में स्थित है। बावजूद इसके काम नहीं हो रहे हैं। यही स्थिति रही तो कभी भी किसान उग्र कदम उठा सकते हैं।

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