भूपेश बघेल की घोषणा को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए बस्तर सहित प्रदेश की महिला स्व-सहायता समूह की तरफ से माना प्रेदेश के मुख्यमंत्री का आभार
जगदलपुर । छत्तीसगढ़ की संस्कृति का पारम्परिक पर्व तीजा से दो दिन पहले महिला स्व- सहायता समूह का करोड़ों रुपए का ऋण हुआ माफ कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पोला पर्व के अवसर पर की एक और बड़े फैसले की घोषणा, सरगुजा से लेकर बस्तर तक सक्रिय हजारों महिला स्व-सहायता समूह को इस फैसले से अवश्य फायदा होगा समूह को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी और समूह के काम को आगे बढ़ाने में अधिकतम सफलता मिलेगी जिसकी सराहना और प्रशंसा करते हुए बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि तीजा पोरा पर्व पर संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समूह की महिला बहनों को दी त्यौहार पर उपहार की नई सौगात, भूपेश सरकार के नेतृत्व में नई सरकार आने के बाद महिला समूह की आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिससे लाखों महिलाओं की आय वृद्धि से आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ है अधिक से अधिक महिलाओं में आत्मनिर्भरता की ललक भी बढ़ी महिला समूह द्वारा लिए गए ऋणों को कतिपय कारणों से ना पटा पाने के कारण अधिकांश महिलाएं नया लोन पाने से अपात्र हो गई थी अपात्र महिला समूहों ने माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन किया था कि यदि पूर्व के कालातित ऋणों को माफ कर दिया जाए तो उन्हें भी ऋण प्राप्त हो सकेगा तथा वे नए सिरे से आर्थिक गतिविधियां संचालित कर सकेंगी, शर्मा ने कहा कि महिला बाल विकास के माध्यम से प्रति वर्ष महिला समूह को दिए जाने वाले ऋण के बजट की राशि कम होने के कारण महिला समूह को आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा है महिला समूह को दिए जाने वाली ऋण राशि का बजट दोगुना कर दिए जाने से अधिक से अधिक महिलाओं को आय वृद्धि का अवसर मिल सकेगा महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं के मंशानुरूप राज्य की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहमति देते हुए महिला बहनों को यह सौगात दी, राजीव शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने सभी महिला समूह के कालातित युवाओं को माफ करने की घोषणा की है ताकि वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियां आरंभ कर सकें तथा इसके साथ महिला समूह को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना वृद्धि की घोषणा की है मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की पहल करते हुए घोषणा पत्र का अपना एक और वादा पूरा कर दिखाया।
“सुभाष रतन पाल की रिपोर्ट”