भागवत कथा में रुकमणी विवाह देखकर श्रद्धालुगण हुए आनंद विभोर
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। वार्ड क्रमांक 14 में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन कृष्ण जन्म की कथा पूज्या गीता गोस्वामी ने कहीं। इस दौरान उन्होंने कृष्ण जन्म का जैसे ही वर्णन किया और कृष्ण बालक के रूप में नंद बाबा के घर पहुंचे सुबह पता चलते ही पुरवासी खुशी से झूम उठे। यह दृश्य को दृश्याकित किया गया। मौके पर उपस्थित नगर पंचायत राजिम के सभापति एवं आयोजक पुष्पा गोस्वामी लड्डू गोपाल के प्रतिमा को अपने देवरानी के साथ लेकर उन्हें झूलना झूलाया। सोहर मंगल गान हुई जिसमें उपस्थित श्रद्धालु गन झूम उठे। गायिका ऐश्वर्या साहू ने सोहर भजन प्रस्तुत किए जिससे पूरा माहौल भक्ति में हो गया और कृष्ण जन्म प्रसंग पर हो गए। पश्चात माखन चोरी की झांकी दिखाई गई जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने कृष्ण का वेश बना रखा था और अपने दल बल के साथ माखन चोरी करने के लिए सखियों के घर में जैसे ही गए सखिया देखकर उन्हें डांट फटकार करने लगी परंतु बालक कृष्ण चुपके से आकर मटकी से दही चुरा लिए। माखन चोरी के झांकी को देखकर श्रद्धालु आनंद विभोर हो गए आज पांचवे दिन रुक्मणी विवाह प्रसंग पर कथा वाचिका पूज्या गीता गोस्वामी ने कहा कि कृष्ण ने संकट में पड़े हुए जीव के उद्धार के लिए उन्हें छुड़ाने के लिए खुद निकल गए और उनसे विवाह रचाकर उन्हें आश्रय प्रदान किया। उन्होंने 16108 की संख्या में विवाह किया। कंस उद्धार के कथा भी कही गई। उन्होंने बताया कि एक समय स्वर्ग के दो द्वारपाल जय और विजय सनकादिक ऋषि को आने जाने से रोक दिया इससे रिसीवर क्रोधित हो गए और उन्होंने दोनों द्वारपाल को श्राप देते हुए कहा कि तुम दोनों तीन जन्म तक राक्षस योनि प्राप्त करो पहले जन्म में हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष के रूप में आते हैं जिन्हें भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर उद्धार करते हैं दूसरे जन्म में रावण और कुंभकरण के रूप में त्रेता युग में आते है तब राम जन्म लेकर उनका उद्धार करते हैं तथा तीसरे योनि के रूप में कंस और बंकभद्र के रूप में आए जिन का उद्धार करने के लिए भगवान को द्वापर युग में कृष्ण के रूप में आना पड़ा और दोनों के शरीर का अंत कर उद्धार किया। रुकमणी विवाह की झांकी देखकर लोग आनंद विभोर हो गए और विवाह का दृश्य देखने को मिला। इस दौरान टिकावन भी हुआ। मौके पर बड़ी संख्या में नगर वासी उपस्थित थे।