समान शिक्षा समान छात्रवृत्ति एवं क्रीमीलेयर कानून समाप्त हो: भुनेश्वर साहू
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम ।अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए समान शिक्षा, समान छात्रवृति हो एवं क्रीमीलेयर कानून समाप्त हो। नए आरक्षण नीति निर्माण के लिए आगामी 1एवं 2 दिसंबर को प्रस्तावित विधान सभा के विशेष सत्र के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष एवं सर्व पिछड़ा समाज संयोजक भुनेश्वर साहू ने कहा कि ओबीसी में 27% आरक्षण के प्रावधान का स्वागत है परंतु केवल आरक्षण के प्रतिशत को बढ़ा देने से पिछड़े वर्ग समाज के समस्याओं का निराकरण नहीं हो सकता। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि क्रीमीलेयार के आर्थिक पैमाने में सन् 2020 से कोई संशोधन नहीं होने के कारण राज्य शासन के अधिकारी, कर्मचारी ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित है इसलिए राज्य सरकार संशोधन के लिए प्रस्ताव लाकर क्रीमीलेयर के वर्तमान सिलेबस में संशोधन करना चाहिए। केंद्र व राज्य विभिन्न श्रेणी के सेवाओं में वेतनमान एवं अन्य सुविधाओं में भारी अंतर होता है। इसलिए राज्य सरकार एसी व्यवस्था करें कि राज्य का कोई भी शासकीय सेवक क्रीमीलेयर के कारण आरक्षण के लाभ से वंचित न हो। सरकार राज्य के सभी ओबीसी वर्ग के हितों के संरक्षण के लिए ईडब्लूएस को दिए जाने वाले 4%आरक्षण के तर्ज पर ओबीसी के क्रीमी लेयर को भी 4% आरक्षण दे अन्यथा कृमिलेयर को खत्म किया जाय। ओबीसी के छात्रों के लिए छात्रवृति ,, छात्रावास एवं अन्य सुविधाओं के लिए निर्धारित शर्त एवं दरों में वर्षों से कोई भी संशोधन नहीं हुआ है। राज्य सरकार ओबीसी छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित पात्रता की आय सीमा ढाई लाख रुपए के बराबर करें। छात्रवृत्ति की राशि सभी को बराबर मिलना चाहिए। शिक्षा में भेदभाव अन्य छात्रों के साथ अन्याय है इसलिए राज्य सरकार छात्रवृत्ति एवं छात्रावास के लिए ओबीसी वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक संशोधन करें। राज्य के किसी भी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा ग्रहण करने में भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी विद्यार्थियों के लिए समान शर्तों पर समान सुविधाएं की नीति निर्धारित करना चाहिए। पूरे राज्य में ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए भी अन्य आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं के समान छात्रवृत्ति एवं छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।