राजनीतिक फायदे के लिए झीरम का इस्तेमाल कर रही सरकारः बृजमोहन
रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने झीरम मामले पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार अपराधबोध से ग्रसित है और इस मामले का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस की सरकार बनने पर नक्सली भूपेश सरकार जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। वास्तव में सरकार नक्सलियों के प्रति सद्भाव रखती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में एक भी बड़ा नक्सली नहीं मारा जाता है।
श्री अग्रवाल झीरम मामले में राज्य को जांच के अधिकार के विषय पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपराध बोध से ग्रसित है। अपराधबोध से ग्रसित होने के कारण जाँच आयोग बना, उसके सामने कोई सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उससे सरकार को डर क्यों लग रहा है? इसके बाद उन्होंने पूरक जांच आयोग बना दिया, उसके बाद एसआईटी घोषित कर दी। हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को जाँच का अधिकार है तो जाँच करें, कौन रोका है परंतु सरकार जाँच कर के कुछ तथ्य सामने लाएं, नहीं तो सरकार तीन साल से झुलाने का काम कर रही है और इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेसी लोग अपनी जेब में झीरमकांड का सबूत ले कर घूम रहे हैं। उनके पास कोई सबूत है तो एनआईए को उपलब्ध कराना था। उनको उपलब्ध नहीं कराया अब एसआईटी को उपलब्ध करा दें।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पहले देश में 218 जिले नक्सल प्रभावित थे जो मोदी के आने के बाद मात्र 78 जिले प्रभावित बचे हैं। प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार आई तो नक्सलियों ने भूूपेश सरकार जिंदाबाद के नारे लगाए थे। नक्सलियों ने कहा कि अब तो हमारी सरकार आ गई है। वे एक साल तक खुली लूट, मार, डकैती और हत्याएं करते रहे। जब सरकार को समझ में आया कि दोस्ती से काम नहीं चलेगा तब केन्द्र के निर्देश पर ज्वाइंट पालिसी, ज्वाइंट कमांड में शामिल हुए, उसके बाद भी उनका रवैया नक्सलियों के प्रति सद्भावना का रहा। यही कारण है कि नक्सल विरोधी अभियान जैसा चलना चाहिए नहीं चल रहा है, परिणाम महाराष्ट्र, ओडीशा, मध्यप्रदेश के बार्डर में नक्सली मारे जाते हैं। उन्होंने जानना चाहा कि छत्तीसगढ़ में एक भी बड़ा नक्सली छत्तीसगढ़ की फोर्स क्यों नहीं मार पाई है।