भारत और चीन को एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए: चीन दूत

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भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदॉन्ग ने कहा कि चीन-भारत संबंधों का न केवल दोनों देशों के लिए महत्व है, बल्कि इस क्षेत्र और दुनिया पर भी इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। राजदूत ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए चार प्रस्ताव भी रखे।
इन प्रस्तावों में आपसी समझ और विश्वास को बढ़ावा देना, दोनों के लिए फायदेमंद सहयोग, मतभेदों का उचित प्रबंधन और समन्वय एवं सहयोग को मजबूत बनाना शामिल हैं। राजदूत ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ की स्थापना की 73वीं वर्षगांठ के मौके पर मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ‘एशियाई सदी’ को चीन और भारत के संयुक्त विकास और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के जरिए एवं भारत और अन्य एशियाई देशों की एकजुटता और सहयोग को मजबूत करने के माध्यम से ही साकार किया जा सकता है।

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