ग्रहण काल में रहे मंदिरों के पट बंद, बाजार सूनी

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। देश के दूसरा प्रयागराज त्रिवेणी संगम राजिम में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। 24 अक्टूबर दिन सोमवार को लक्ष्मी पूजा का अनुष्ठान हुआ जिसमें देवी लक्ष्मी की पूजन आराधना के पश्चात आरती प्रस्तुत किया गया। प्रसाद बांटे गए और एक दूसरे से मिलकर लोगों ने दीपावली पर्व की बधाई देते रहे।व्हाट्सएप ग्रुप पर जमकर दिए बधाई संदेशदीपावली पर्व की धूम देखी जा रही है। पुष्य नक्षत्र से लेकर धनतेरस, रूप चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा की बधाई एक दूसरे से शेयर करते रहे लोग पंच पर्व की बधाई देने के लिए मोबाइल के व्हाट्सएप ग्रुप, ट्यूटर, फेसबुक का उपयोग करते रहे। इन के माध्यम से लोगों ने एक दूसरे का हालचाल जाना तथा दीप पर्व की बधाई देने का क्रम जारी रहा।ग्रहण काल में बाजार रहे सूनीभारत में हुई आंशिक सूर्यग्रहण के चलते मंदिरों के पट बंद रहे तो दूसरी ओर बाजार भी सुनी रही। त्योहारों को लेकर तथा सूर्य ग्रहण के कारण दुकानों के शटर बंद रहे शहर में मात्र सुबह ताजी सब्जी के लिए सब्जी मंडी खुले थे उसके बाद पसरा बाजार लगा हुआ था लेकिन ग्राहक नदारद थे विक्रेता ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहे। त्यौहार की खुमारी इस कदर चढ़ा हुआ था कि लोगों को अपने घर से बाहर निकलने की फुर्सत नहीं थी।खड़खड़िया एवं ताश पत्ती पर लगा दांवलक्ष्मी पूजन के बाद अधिकतर खड़खड़िया और ताश पत्ती का खेल शुरू हो जाता है लोग इन खेलों पर दांव लगाते रहे खासकर खड़खड़िया में छोटे बच्चे से लेकर महिला एवं पुरुष भी खेलते रहे। वही युवा वर्ग तथा पुरुष वर्ग के लोग 52 पत्ती पर किस्मत आजमाते रहे। जिन्होंने रुपया जीते वह प्रसन्न हो गए और जिनके जेब से चला गया अर्थात हार गए वह चुपचाप अपने घरों पर रह गए। हार जीत का आंखें किसी को अच्छा लगा तो किसी को खराब भी लगा।गौरा गौरी निकली लेकिन विसर्जन नहीं हुए लक्ष्मी पूजा की रात्रि गौरा गौरी की मूर्ति बनाई जाती है तथा इनका पूजन अर्चन करते हुए उन्हें गली भ्रमण कराया जाता है गली भ्रमण भी हुआ और लोग इनके भक्ति पर खो गए। सांकड़ भी लिया गया। परंतु 6:00 बजे से पहले सुबह से ही सूतक लगने के कारण 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को कार्यक्रमों में विराम लग गया वैसे तो 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होनी थी परंतु सूर्य ग्रहण के चलते सभी कार्यों पर विराम लग गया था। शाम को 6:30 बजे के बाद मंदिरों समेत देवी दरबार के पट खोले गए उसके बाद पूजा-अर्चना हुई तथा बच्चे से लेकर युवा तक पटाखे फोड़ कर खुशी का इजहार करते रहे। बुधवार को गोवर्धन पूजा के साथ गौमाता को खिचड़ी खिलाया जाएगा। गौरा गौरी की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी। यह अनुष्ठान देखते ही बनता है।नगर में रहा शांतिपूर्ण माहौल शहर में दीपावली पर्व को लेकर बड़ी गहमागहमी रहती है किंतु अन्य वर्षो की अपेक्षा इस बार माहौल बिल्कुल शांत रहा। समाचार लिखे जाने तक कहीं कोई घटना की जानकारी नहीं मिली है। अलबत्ता पीने पिलाने का दौर चल रहा है।

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