जान हथेली पर रखकर काम कर रहे कृषि विभाग के अधिकारी, 8 वर्ष में ही बदहाल हुआ आरईएस द्वारा बनाया गया कार्यालय
कवर्धा। जिले के लोहारा विकासखंड के वरिष्ठ कृषि अधिकारी का कार्यालय बदहाल व अत्याधिक जर्जर हो चुका है। यहां के कर्मचारियों अधिकारी को जान हथेली पर रखकर सरकारी नोकरी करनी पड़ रही है। बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस भवन की मरम्मत करने ध्यान नही दे रहे है।
लोहारा ब्लाक का वरिष्ठ कृषि अधिकारी कार्यालय कवर्धा रोड लोहारा कॉलेज के पास है। वर्ष 2012-13 में कृषि विभाग कार्यालय को वहां शिफ्ट किया गया। वर्ष 2013 में शिफ्ट होने के तीन माह बाद ही कार्यालय जर्जर होने लगी थी। छत से पानी टपकने व दीवारो में बड़े बड़े दरार पड़ने लगे थे। यानी आज 8 साल बाद कृषि विभाग का कार्यालय कंडम घोषित करने योग्य हो गया है। कृषि विभाग के अधिकारी एक कमरे में सिमट कर काम कर रहे है। अधिक बारिश होने पर कार्यालय में पानी भर जाता है। वही दीवारो के दरार से पानी रिसने लगता है। छत भी बुरी तरह खराब हो चुका है। ऐसा लगता है कार्यालय का दिवार कभी भी भरभरा कर गिर जाएगा। उसके बाद भी वहां के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करने मजबूर है। कृषि विभाग के अधिकारी 2 से अधिक बार कार्यालय की जर्जर स्थिति की जानकारी दे चुके है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की कान तक जु नही रेंगती। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिसकी जिम्मेदारी लेने वाला कौन होगा। यह भी अधिकारी स्पष्ठ नही कर सकते।
नही रहता दिन भर लाइट
वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालय में दिन भर काम रहता है। किसानों की जानकारी से लेकर योजनाओं की एंट्री व अन्य जानकारी कम्प्यूटर में बनानी होती है। लेकिन लोहारा से 4 किमी दूर कार्यालय गांव में होने के कारण लाइट बन्द रहता है। दिन दिन भर लाइट बन्द रहने के कारण काम प्रभावित होता है। जबकि कई जानकारी अधिक महत्वपूर्ण होती है। इसके कारण अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार अधिकारी को कार्यालय का काम पूरा करने जिला मुख्यालय के कार्यालय आना पड़ता है।
वर्सन,,,,
वर्ष 2012-13 में लोहारा कॉलेज के पास बने कार्यालय में शिफ्ट हुए थे। शायद कार्यालय का निर्माण एजेंसी आरईएस है। बिल्डिंग अधिक जर्जर हो चुकी है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दिया जा चुका है। मजबूरी में इस जर्जर कार्यालय में काम करना पड़ रहा है।
एसके साहू, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, लोहारा
”दीपक ठाकुर की रिपोर्ट”