The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

Chhattisgarh

नवीन मेला स्थल को एक सप्ताह में समतल कराने का मंत्री की जुबानी घोषणा हुआ फुस्स,16 फरवरी से राजिम माघी पुन्नी मेला मात्र 43 दिन शेष

Spread the love
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । प्रदेश के प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला 16 फरवरी से प्रारंभ है। आज मंगलवार से लेकर मात्र तिरालिस दिन शेष है याने 1 महीने 13 दिन, सप्ताह में गिनती करे तो मात्र 6 सप्ताह अर्थात 1032 घंटे शेष है इतने में स्थाई निर्माण कैसे होंगे यह चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय हो गया भूमि को समतल करते हुए लेकिन अभी तक पूरी तरह से समतल नहीं हो पाया है। खेतों में बड़े-बड़े मेड तथा उसमें जगे हुए घास फूस अभी भी दिख रहे हैं। नदी तट पर बनाई गई तटबंध के पास गड्ढा है। जिसे समतल करने में ही लंबा समय लगेगा। इसमें मिट्टी डालकर लेवलिंग किया जाना है है। इससे मैदान की सुंदरता बढ़ेगी तथा निर्माण कार्य को गति भी मिलेगा। जेसीबी से हो हुआ भूमि समतल आधे अधूरे दिखाई दिए। मिट्टी का ढेर अभी बना हुआ है। कुल मिलाकर काम में कोई ढंग की प्रगति नजर नहीं आई। गत 21 दिसंबर को प्रदेश के लोक निर्माण, गृह, जेल, धर्मस्य एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू मेला स्थल का निरीक्षण किए। इस समय जिले के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, एसपी जे आर ठाकुर, डीएफओ मयंक अग्रवाल, एसडीएम अविनाश भाई समेत अनेक विभागों के तमाम आला अफसर मौजूद थे। वहां उन्होंने भूमि समतलीकरण को लेकर एक सप्ताह के भीतर पूरा कराने का निर्देश दिया था और इसके लिए जेसीबी और ट्रैक्टर अतिरिक्त संख्या में लगाकर कार्य को शीघ्र पूरा करने की बात कही थी। उन्होंने स्थल से नदी तक फोरलेन सड़क बनाने के निर्देश पीडब्ल्यूडी विभाग को दिए थे तथा सड़क के दोनों तरफ पाथवे बनाने का भी निर्देश दिए। मंत्री साहू ने इसके लिए किसी विशेषज्ञ और आर्किटेक्ट से संपूर्ण मेला स्थल का डिजाइन और लेआउट तैयार करवाने की भी बात कही थी। परंतु मंत्री के आदेश मेला स्थल निरीक्षण के बाद फुस्स दिखाई दे रहे हैं। अभी तक कोई कार्यवाही या कामों में प्रगति नजर नहीं आई।हमारे संवाददाता ग्राउंड रिपोर्ट के लिए सोमवार को अपराहन 3:00 बजे चौबेबांधा राजिम में नदी किनारे आरक्षित 54 एकड़ भूमि का निरीक्षण किए वहां उन्हें कोई काम करने वाला मजदूर या फिर जिम्मेदार अफसर दिखाई नहीं दिए। लेवलिंग करने वाले जेसीबी भी नदारद रही।आसपास के लोगों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से यहां काम बंद है। उल्लेखनीय है कि पिछले 2 सालों से मंत्री ताम्रध्वज साहू नवीन मेला स्थल पर मेला लगाने की बात कह रहे हैं लेकिन अभी तक उसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया है आम लोगों की शिकायत है कि मेला नजदीक आने पर प्रशासन मेला स्थल की सुध लेती है और आनन-फानन में दिखावटी काम करवाया जाता है। मेला समाप्त होने के बाद कोई इधर झांकने वाला नहीं रहता। कहना होगा कि सुस्त रवैया के चलते नवीन मेला ग्राउंड अस्तित्व में नहीं आ पा रहा है। लोक समाचार पत्र पढ़कर नवीन मेला स्थल देखने के लिए मैदान के पास आ तो जाते हैं लेकिन उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता और उनकी उत्सुकता यहीं पर समाप्त हो जाती है। जिस ढंग से समय बहुत कम बचा हुआ है उस हिसाब से लोग तरकीब लगा रहे हैं कि शायद इस बार भी मेला नवीन मेला स्थल पर दिखाई नहीं देगा। खैर अभी भी 1000 से भी ज्यादा घंटे हैं। सरकार चाहे तो द्रुतगति से काम करवा कर नवीन मेला स्तर पर मेला का शुभारंभ करवाया जा सकता है। दूसरी ओर लक्ष्मण झूला का काम अभी भी चल रहा है मंत्री ताम्रध्वज साहू 25 जनवरी तक लक्ष्मण झूला को तैयार करने का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिए हैं। अब समय ही बताएगा कि कब लक्ष्मण झूला आम जनता के लिए खुलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *