नवागांव एनीकट सूखने की कगार पर,मेले के लिए ऊपर से कोई पानी नहीं छोड़ा गया स्टोरेज पानी को बहा दिया
राजिम। नवागांव एनीकट में स्टोरेज पानी को माघी पुन्नी मेला के लिए धीरे-धीरे करके पूरी तरह से बहा दिया गया है अब नदी में रेत या फिर घास ही दिख रहे हैं। जिस जगह पर 5 से 7 फीट गहराई तक पानी होते थे अब वहां मात्र रेत दिख रहे हैं महाशिवरात्रि के बाद फीट पानी और कम हो गए इस तरह से दिनोंदिन एनीकट का पानी बह रहा है और जिला प्रशासन मुकदर्शक बनकर बैठे हुए हैं। जल संसाधन विभाग का यह कारनामा लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। आखिरकार उन्होंने बिना आवक के स्टोरेज पानी को क्यों बहाया। माघी पुन्नी मेला के लिए बराबर उन्हें सिकासेर जलाशय से पानी छोड़ना था एनीकट में पानी रहे और ऊपर से ही पानी नदी के लिए बहता रहे ऐसी व्यवस्था होनी थी लेकिन इस विभाग ने एनीकट से पानी तो छोड़ दिया परन्तु इन्हें भरने का कोई इंतजाम नहीं किए। नतीजा एनीकेट पूर्णरूपेण खाली हो रहा है दो-चार दिनों में पूरी तरह से खाली हो जाएगा और फिर पूरी गर्मी यहां के लोगों को भुगतना पड़ेगा। बता देना जरूरी है कि एनीकट में पानी रहने से पानी का लेवल बना रहता है जैसे ही कम होता है लेबल नीचे गिर जाता है। वर्तमान में पानी कम होने के कारण लेवल नीचे गिर रहा है दो-चार दिनों में ही पानी की समस्या निर्मित हो सकती है। अभी गर्मी लगा ही है और यह स्थिति लोगों को नागवार गुजर रही है। ज्ञातव्य हो कि रायपुर जिला के नवापारा शहर, गरियाबंद जिला के राजिम शहर समेत धमतरी जिला तथा तीनों जिला के अनेक गांव को इस एनीकट से फायदा मिलता है। करोड़ों रुपया खर्चा कर सन 2015 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इनका निर्माण कराया था ताकि 12 महीना इसमें पानी भरा रहे लेकिन गैर जिम्मेदार अधिकारियों के चलते हर वर्ष यही स्थिति निर्मित हो जाती है जिनका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ता है। लोगों ने जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे,राजिम विधायक अमितेश शुक्ल से मांग की है की नवागांव एनीकेट को भरने के लिए शीघ्र व्यवस्था करें। बढेनी के उपसरपंच गोकुल साहू ने बताया कि नदी किनारे लोग बॉडी लगाए हुए हैं इसी उम्मीद से वह इनकी खेती कर रहे हैं कि एनीकट में पानी भरा रहेगा और उनके खेतों में सुलभता के साथ पानी पहुंचेगा परंतु एनीकट सूखने की स्थिति पर इनकी फसल भी सूख जाएगी जिनसे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान होगा। किसान बहुत परेशान है और शीघ्र एनीकट को भरने की मांग कर रहे हैं। चौबेबांधा, राजिम, सिंधौरी, नवागांव बुडेनी भेन्डरी आदि नदी किनारे के लोग सुखे एनीकट की स्थिति को देखकर चिंतित हैं। इन्होंने गर्मी के समय भी अपने खेतों में फसल लगाए हैं और गाढ़ी कमाई करके खाद दवाई आदि के लिए खर्च कर रहे हैं ऐसे में फसल सूख जाएगी तो उनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। ऐसे अनेक उदाहरण है लेकिन यहां की जिम्मेदार अधिकारी ऑफिसों में बैठकर ऑर्डर फरमाते हैं। नतीजा गरीब मजदूर किसानों को भुगतना पड़ता है।वाटर लेबल नीचे जाने से पियाऊ पानी की समस्या भी खड़ी हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसी सोच के साथ करोड़ों रुपया खर्चा किया है कि त्रिवेणी संगम हमेशा पानी से लबालब रहे गत दिनों राजिम माघी पुन्नी मेला में पहुंचे जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने स्पष्ट रूप से कहा कि नदी में पानी भरा रहे इसके लिए बैराज निर्माण करना हो तो हम इस दिशा में निरंतर आगे बढ़ेंगे। हम चाहते हैं कि त्रिवेणी संगम पानी से लबालब रहे। परंतु उनके ही जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में सकारात्मक सोच नहीं रख रहे हैं जो चिंता का विषय बन गया है।