नपं. ने राजिम को जिला बनाने ध्वनिमत से किया प्रस्ताव पारित,सामान्य सभा की बैठक में सभी पार्षदों ने कहा राजिम जिला बने
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम 1 मई। राजिम को जिला बनाने की मांग पिछले 30 सालों से लगातार चल रही है इसी क्रम में शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे नगर पंचायत के सामान्य सभा की बैठक आयोजित हुई जिसमें राजिम को जिला बनाने का प्रस्ताव पास हुआ अब इन्हें शासन प्रशासन को भेजा जाएगा। जानना जरूरी है कि इस बैठक में विधायक अमितेश शुक्ला को भी उपस्थित होना था लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह मौजूद नहीं हो पाए बदले में अपने प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस के ब्लॉक महामंत्री राम नारायण साहू उपस्थित रहे। नगर पंचायत के सभागृह में बैठक शुरू हुई। नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर की मौजूदगी में बैठक की कार्यवाही प्रारंभ होते ही नगर विकास के मुद्दे पर लगातार बात होती रही इसी बीच पर पार्षद महेश यादव खड़े होकर कहा कि राजिम ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक नगरी है देश के जितने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है सभी जिला बन गए हैं परंतु अभी तक राजिम जिला नहीं बन पाया है जबकि इस धर्म नगरी का नाम पुराणों में भी उल्लेखित है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण अपने पुरखों की तृप्ति एवं दर्शन पूजन तथा स्नान के लिए पहुंचते हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी राजिम का अपना अलग स्थान है। व्यापारिक नगरी के नाम से भी राजिम की प्रसिद्धि फैली हुई है। छोटे-छोटे कस्बा जिला बन चुके हैं परंतु राजिम का क्रम अभी तक नहीं आया है यह बड़ी विडंबना है वैसे जिला की मांग अविभाजित मध्यप्रदेश के समय सन् 1994 से लगातार हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य बना तो मात्र 16 जिला थे देखते ही देखते 33 जिला बन गए। जिस समय नगर पंचायत बनाया गया उसी समय जिला बना देना था। लेकिन अभी तक नही बनना सोचनीय विषय बन गया है। प्रदेश की पहचान 36 जिला से होने की जानकारी मिली है अभी भी छत्तीसगढ़ में 3 जिला और बनना है जिसमें राजिम को जिला बनाया जाए मैं पुरजोर मांग करता हूं जैसे ही इन्होंने इस शब्द का उच्चारण किया सभा में उपस्थित नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, उपाध्यक्ष रेखा साहू, पुष्पा गोस्वामी,पूर्णिमा चंद्राकर, लेखा महोबिया, सूरज पटेल, लोकेश्वरी यादव, राजकुमारी मांड्रे, अरविंद यदु, ओमप्रकाश आडिल, टंकु सोनकर, मोती सोनकर, विनोद सोनकर, उत्तम निषाद, एल्डरमैन ताराचंद मेघवानी, गिरीश राजानी, रामानंद साहू सभी सदस्यों ने ताली बजाकर ध्वनिमत से इस प्रस्ताव का स्वागत किया। नगर पंचायत में राजिम को जिला बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित होने के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद बंध गई है। सरकार इस मांग को अवश्य पूरा करेगी और राजिम को जिला का दर्जा प्रदान कर धर्म नगरी का सम्मान करेगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में लगातार जिला बनाने की मांग हो रही है भाजपा कांग्रेस सभी दलों के जनप्रतिनिधि नगर को जिला बनाने के लिए अपनी अपनी राय दे रहे हैं। लोग अब खुली आंखों से राजिम को जिला के रूप में देख रही है। कहना होगा कि जिला बनने से धर्म नगरी का ना सिर्फ विकास होगा बल्कि लोगों की श्रद्धा भी बढ़ेगी। राजिम नवापारा दोनों शहर संगम के दोनों पाट पर स्थित है। दोनों तहसील मुख्यालय है आबादी की दृष्टिकोण से दोनों को मिला दिया जाए तो करीब 90 हजार की जनसंख्या कवर करती है। आसपास के क्षेत्रों को मिलाने पर ढाई से तीन लाख की आबादी ऐसे ही हो जाती है।इनके अलावा इस धार्मिक नगरी को कमल क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है माना जाता है कि कमल के पांच पंखुड़ी पर 5 शिवलिंग स्थापित है जिनमें पटेवा में पटेश्वर नाथ महादेव, चंपारण में चंपकेश्वर नाथ महादेव (वर्तमान रायपुर जिला) बम्हनी में ब्रह्मकेश्वर नाथ महादेव (वर्तमान महासमुंद जिला) फिंगेश्वर में फणीकेश्वर नाथ महादेव, कोपरा में कर्पूरेश्वरनाथ महादेव (वर्तमान गरियाबंद जिला) पांचों शिवलिंग को एक ही जिला पर रखा जाए तो इनका विकास भी तेज गति से होगा। यहां स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है जिसमें शैव भक्त हमेशा दर्शन पूजन के लिए उपस्थित होते है। जनवरी माह में मकर सक्रांति के समय यहां प्रसिद्ध पंचकोशीय यात्रा होती है जिसमें देशभर के श्रद्धालुगण पैदल चलकर इस यात्रा को करते हैं। इसी तरह से उत्तरप्रदेश में 84 कोसी यात्रा की भी जानकारी मिलती है। राजिम अनुविभागीय मुख्यालय है अब इसे लोग जिला मुख्यालय के रूप में देखना चाह रहे हैं। मांग लगातार हो रही है। लोग नारा दे रहे हैं कि भूपेश है तो भरोसा है यहां की जनता को भूपेश बघेल के ऊपर पूरी भरोसा है कि राजिम शीघ्र जिला बने।
नगर विकास के मुद्दे पर हुई चर्चा
बैठक में इनके अलावा नगर के विकास के मुद्दे पर बात हुई। जिसमें प्रमुख रुप से नाली एवं शौचालय की साफ-सफाई, दवाई पाउडर छिड़काव हमेशा होते रहना चाहिए। हाट बाजार का नव निर्माण हो चुका है जिसमें हाट बाजार को स्थाई रूप से संचालित करें। राम नारायण साहू ने बताया कि नगर विकास के लिए विधायक अमितेश शुक्ला ने लगभग 70 लाख से अधिक राशि विधायक निधि से दिया है जिसका कार्य अधूरा है उसे शीघ्र पूरा कराएं। इनके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं को गंभीरता दिया गया साथ ही नगर में जानवरों के रोका छेका योजना को जल्द लागू करने पर जोर दिया गया।