माघी पुन्नी मेला में 9 दिन शेष अधिकारियों की हो रही परेड
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला को अब मात्र 9 दिन ही शेष है। 5 फरवरी से माघी पुन्नी मेला शुरू होगा जो लगातार 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सांस्कृतिक भवन में बैठक लिया था जिसमें तमाम विभाग के अधिकारियों को मेला शुरू होने से पहले तक काम पूर्ण करने की बात कही थी परंतु यहां पर कई विभागों के काम अभी तक शुरू नहीं हुए। मुक्ताकाशी महोत्सव मंच का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुई हैं। इसमें बांस बल्ली के सहारे मंच को शानदार आकार दिया जाता है प्रोजेक्टर सिस्टम पर चलचित्र दिखाया जाता है। ग्रीन रूम के अलावा कलाकारों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है जिसमें समय लगता है। कुंड बनाने का काम जारी है। अटल घाट से लेकर नेहरू घाट तक रेत की सड़कें बनाई जा रही है। फर्शी पत्थर उपयोग किया जा रहा है। पंचेश्वर महादेव मंदिर से लेकर कुलेश्वर नाथ महादेव तथा लोमस ऋषि आश्रम तक सड़कें बनाने का काम द्रुतगति से जारी है इधर राजस्थानी ट्रैक्टर रेत को समतल कर रहे हैं तो मजदूर प्लास्टिक के बोरी पर रेत डालकर बॉर्डर बनाने का काम कर रहे हैं। बुधवार को शाम 4:00 बजे जिला कलेक्टर प्रभात मलिक जिले के आला अफसरों के साथ कामों की मॉनिटरिंग करने के लिए उपस्थित हुए। सबसे पहले मेला मैदान में जाकर प्रगति देखें तथा अधिकारियों को दिशा निर्देशित करते रहे। उसके पश्चात त्रिवेणी संगम में चल रहे कामों पर कनिष्ठ अधिकारियों को मोटिवेट करते रहे तथा उनसे जानकारियां भी लेते रहे। शाम 6:00 बजे तक वह अधिकारियों से बातचीत करते ही रहे। इस मौके पर पंचायत विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, जल संसाधन विभाग इत्यादि के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।महोत्सव मंच के सामने बिछा दिया मुरूममुरूम के लिए गत कई वर्षों से दोनों शहर नवापारा और राजिम के नागरिक विरोध कर रहे थे जिसके कारण भूपेश सरकार ने रेत की सड़क बनाने की बात कही और अमल करते हुए उन्होंने सड़क बनाकर मेला को संपन्न करा रहे हैं परंतु इस बार महोत्सव मंच के सामने फिर से मुरूम डाल दिया गया है लोग इन्हें देखकर बड़े अचरज हो रहे हैं जो सरकार मुरूम का विरोध कर रही थी वही यहां पर फिर से मुरूम डालने की शुरुआत कर दी है इससे नदी फिर से प्रदूषित होने की आशंका बढ़ी है।साधु संतों के पहुंचने का क्रम शुरूमेला के नजदीक आते ही साधु संतों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है क्योंकि यह मेला आम श्रद्धालुओं के साथ ही साधु संतों का ही माना गया है। पुण्य स्नान के लिए नागा साधुओं के अलावा दांडी साधु तथा संत गण बड़ी संख्या में उपस्थित होते हैं बुधवार को ही लखोली रीवा से एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति शिव शंकर बनकर हाथ में डमरू पकड़े हुए लोगों को रिझा रहे थे उनको देखते ही बरबस लोग उन्हें प्रणाम भी कर रहे थे।नदी क्षेत्र में बढी श्रद्धालुओं की भीड़त्रिवेणी संगम स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर एवं भगवान राजीवलोचन के दर्शन करने के लिए अभी से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है वैसे भी मांघ मास पूजा अर्चना दर्शन पूजन इत्यादि का माह माना गया है।