यातायात नियमों का पालन कराने के बहाने पुलिस की चालानी कार्यवाही से लोग परेशान
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । शहर में इन दिनों राहगीर पुलिस की चलानी कारवाही से परेशान हो गए हैं। बताना होगा कि खेती किसानी का दिन चल रहा है किसान खाद, बीज, दवाई सहित कृषि कार्य में आने वाले सामग्री की खरीदारी करने के लिए बड़ी संख्या में गांव से शहर आ रहे हैं। उन्हे नहीं पता कि वह कहां पर सपड़ में आ जाए और चलानी कार्रवाई के नाम पर पैसे लुटाने पड़े। सांई मंदिर चौबेबांधा तिराहा के पास अक्सर यह दृश्य देखने को मिल ही जाता है। शनिवार को शाम 6:00 बजे जैसे ही पुलिस की गाड़ी आई। डंडे लेकर सिपाही इधर-उधर तिराहा पर फैल गए और आने जाने वाले एकल, डबल एवं तीबल सवारी राहगीरों को रोकते रहे तथा रसीद भी कांटे। इस दौरान राहगीर अपनी अपनी समस्या बताते रहे किसी ने कहा कि साहब खेती किसानी के लिए बीज खरीदने आए थे जितने पैसे पकड़े थे सभी का सामान खरीद ली हैं अब आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है तो किसी ने कहा कि हॉस्पिटल से आ रहा हूं मुझे मत रोकीए। जितने लोग उतनी बात और लोग अपनी समस्या बताते रहे लेकिन साहब ऐसा की रसीद काटे बिना किसी को नहीं छोड़ रहे थे। इस जद में स्कूली विद्यार्थी जो ट्यूशन या फिर पढ़ाई के लिए काफी पुस्तक खरीदने शहर पहुंचे थे वह भी आ गए हैं। शाम का समय था इसलिए मजदूर वर्ग के लोग भी काम करके वापस अपने घर जा रहे थे। वह शहर में जी तोड़ कड़ी मेहनत की और शाम को चालान के रूप में राशि दे देना पड़ा। इससे लोगों में रोष भी दिख रही थी और इस चलानी करवाही को सीधे वसूली नाम दे रहे थे। हेलमेट, गाड़ी के लाइसेंस व सारे कागजात पर एक्शन ले रहे थे। उल्लेखनीय है कि यातायात नियमों का पालन करना सबको जरूरी है इसके लिए सड़क सुरक्षा हेतु गांव गांव में यातायात विभाग के द्वारा सभा सम्मेलन एवं नुक्कड़ नाटक जैसी जागरूकता अभियान होना जरूरी है परंतु यह सारे कार्य शहरों तक ही सीमित है गांव के लोगों को यह जानकारियां सही समय में नहीं मिल पाती है। नतीजा उन्हें शहरों में आकर कमाई की राशि चालान के रूप में देना पड़ता है। बताना होगा कि शहर से लगे हुए गांव चौबेबांधा, सिंधौरी, बरोंडा, श्यामनगर, सुरसाबांधा, कुरूसकेरा,तर्रा, कोपरा,धूमा, परतेवा, देवरी, लोहरसी आदि करीब तीन दर्जन गांव के लोग प्रतिदिन आ रहे हैं। इससे ग्रामवासी परेशान हो गए हैं उन्होंने यातायात नियमों के बहाने राहगीरों पर वसूली बंद करने की मांग प्रदेश सरकार से की है।